लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

क्रूड आयल में रहेगी अस्थिरता

NULL

नई दिल्ली : अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में पिछले दिनों रही अस्थिरता अभी बनी रहेगी क्योंकि ईरान के साथ परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग हो जाने के बाद भूराजनीतिक तनाव और गहराने की संभावना है, जिसका असर तेल के दाम पर पढ़ेगा। आकलन है कि ब्रेंट क्रूड का भाव अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अगले दो महीने 70-80 डॉलर प्रति बैरल के बीच बना रहेगा। ऊर्जा विशेषज्ञ नरेंद्र तनेजा के अनुसार देखने वाली बात यह होगी कि यूरोप अमेरिका के खिलाफ जाकर ईरान का साथ देता है और इसमें कितना कामयाब होता है क्योंकि इस बात की संभावना कम है कि ईरान के मसले में यूरोप अमेरिका पर दबाव बनाने में कामयाब होगा। उन्होंने कहा कि यूरोपीय देशों का आर्थिक व राजनीतिक हित अमेरिका के साथ जुड़ा हुआ है जिसके कारण यूरोप बहुत समय तक ईरान के साथ खड़ा नहीं हो सकता है।

तनेजा का आकलन है कि ब्रेंट क्रूड का भाव अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अगले दो महीने 70-80 डॉलर प्रति बैरल के बीच बना रहेगा। अंतर्राष्ट्रीय कमोडिटी बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर शुक्रवार को ब्रेंट क्रूड का जुलाई एक्सपायरी वायदा 0.62 फीसदी की कमजोरी के साथ 76.99 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। जबकि न्यूयार्क मर्के टाइल एक्सचेंज (नायमेक्स) पर अमेरिकी क्रूड डब्ल्यूटीआई का जून एक्सपायरी वायदा 1.18 फीसदी की गिरावट के साथ 70.52 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ।

हालांकि भारतीय वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर शुक्रवार को कच्चे तेल के दाम में तेजी बनी रही और मई वायदा 4,824 रुपये प्रति बैरल की ऊंचाई तक उछला जबकि कारोबार के अंत में 36 रुपये की बढ़त के साथ 4,793 रुपये प्रति बैरल पर बंद हुआ। कच्चे तेल के भाव में शुक्रवार को गिरावट अमेरिका में कच्चे तेल के उत्पादन में बढ़ोतरी की रिपोर्ट के बाद आई। केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर विजय केडिया के मुताबिक, कच्चे तेल के दाम में बढ़ोतरी के साथ अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार के कारण डॉलर में मजबूती बनी रह सकती है जिससे भारत में कच्चे तेल का आयात महंगा होगा।

केडिया ने भी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में उठा-पटक बने रहने की संभावना जताई। उन्होंने कहा कि भूराजनीतिक दबाव गहराता जा रहा है जिससे तेल के दाम में अस्थिरता बनी रहेगी। केडिया के मुताबिक, इस महीने ब्रेंट क्रूड 74-80 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई 68-73 डॉलर प्रति बैरल रह सकता है। विजय केडिया ने कहा कि आमतौर पर जून में अमेरिका में रखरखाव के मद्देनजर रिग (तेल कुआं) कुछ दिनों के लिए बंद किए जाते हैं। ऐसे में अगर कुछ रिग बंद होते हैं तो तेल का उत्पादन घटेगा जिससे कीमतों में बढ़ोतरी होगी।

अधिक जानकारियों के लिए बने रहिये पंजाब केसरी के साथ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

3 × five =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।