नई दिल्ली: बैंक खातों को 31 दिसंबर तक आधार से जोड़ना अनिवार्य है। अगर आपने ऐसा नहीं किया तो आपका खाता बंद हो जाएगा, इसलिए 31 दिसंबर से पहले अपने खाते को आधार से लिंक कर लीजिए। बैंक खातों को आधार नंबर से नहीं जोड़ने पर खाता बंद हो जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने रिजर्व बैंक के माध्यम से सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि बैंक खातों को आधार नंबर से जोड़ें.राजस्व विभाग की अधिसूचना के अनुसार सभी वर्तमान बैंक खाताधारकों को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा जारी आधार संख्या को 31 दिसंबर, 2017 तक जमा करने को कहा गया है। ऐसा नहीं करने पर उनके खाते क्रियाशील नहीं रहेंगे।
सरकार ने 2017-18 के बजट में पहले ही आधार को (आयकर) स्थायी खाता संख्या (पैन) के साथ जोड़ने को आवश्यक बना दिया था ताकि लोग कर से बचने के लिए एक से ज्यादा पैन कार्डों का इस्तेमाल नहीं कर सकें।
धन-शोधन रोधी (रिकॉर्ड का रखरखाव) रोकथाम नियमावली, 2005 को संशोधित कर जारी की गयी अधिसूचना में व्यक्तियों, कंपनियों या भागदारी कंपनियों द्वारा 50000 रुपये या उससे अधिक के लेन-देन के लिए आधार के साथ-साथ पैन नंबर या फार्म नंबर 60 देना अनिवार्य बनाया गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्रलय द्वारा प्रकाशित गजट में उल्लेखित निर्देश के अनुसार 31 दिसंबर तक सभी बैंक खाता को आधार से जोड़ना अनिवार्य है।साथ ही बैंक खाता खोलने के समय अगर कोई ग्राहक आधार संख्या और स्थायी लेखा संख्या नहीं प्रस्तुत कर पाता है, तो उसे बैंक खाता खोलने की तिथि से छह माह के अंदर उसे आधार संख्या और पैन नम्बर पेश करना होगा। यदि बैंक खाता धारण करने वाला ग्राहक कंपनी है तो उसके लिए भी आवश्यक दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया गया है।
मंत्रालय के अनुसार कंपनी को निगमन प्रमाण पत्र, संगम के ज्ञापन एवं अनुच्छेद, निर्देशक बोर्ड से संकल्प और उसके प्रबंधकों, अधिकारियों या कर्मचारियों की ओर से व्यवहार करने के लिए दिया गया मुख्तारनामा, आधार संख्या, स्थायी लेखा संख्या देना होगा। कंपनी की ओर से कर्मचारी आधार संख्या के लिए नामांकित किए जाने के लिए पात्र नहीं है और वे स्थायी लेखा संख्या प्रस्तुत नहीं करते हैं, तो शासकीय रूप से कानूनी तौर पर मान्य दस्तावेज देना होगा।
छोटे खातों के लिए नियमों को कड़ा करते हुए संशोधन में कहा गया है कि अपने ग्राहक को जानों (केवाईसी) दस्तावेज को जमा कराए बिना और अधिकतम 50000 रुपये जमा वाले खाते बैंकों को केवल उन शाखाओं में खोले जा सकते हैं जहां कोर बैंकिंग सोल्युशन हैं। नए नियमों के अनुसार- ऐसे खाते उसी शाखा में खोले जा सकते हैं। जहां कर्मचारी उसकी निगरानी कर सकें और यह सुनिश्चित कर सकें कि विदेश से ऐसे खातों में पैसे न भेजे जाएं। उन खातों में महीने और साल में लेन-देन की निर्धारित सीमा का पालन हो तथा बैलेंस का उल्लंघन न हो।
नियमों में कहा गया है, ‘छोटे खाते की निगरानी की जाएगी और जब भी यदि धनशोधन या आतंकवाद के वित्त पोषण या अन्य किसी बड़े जोखिम परिदृश्य का संदेह होगा तो दावे की पहचान आधिकारिक वैध दस्तावेजों की पेशी कर की जाएगी।’
भागीदारी फर्म को भी देने होंगे आधार समेत अन्य कागजात यदि बैंक खाताधारक कोई भागीदारी फर्म है तो उसे भी आधार संख्या और स्थायी लेखा संख्या देने होंगे। इसके अतिरिक्त उन्हें निबंधन का प्रमाण पत्र, भागीदारी का कागजात भी बैंक को देना होगा। यदि भागीदारी फर्म द्वारा नामित व्यक्ति या कर्मचारी भी आधार के लिए पात्र नहीं हैं तो उसे इस संबंध में कानूनी दस्तावेज जमा करना होगा।