वॉशिंगटन : राजनीतिक अभियानों को लेकर पारदर्शिता और जवाबदेही में सुधार लाने के मकसद से फेसबुक ने अहम कदम उठाया है। फेसबुक ने तय किया है कि जब तक राजनीतिक विज्ञापनदाता की स्पष्ट पहचान और संदेश के लिए भुगतान करने वाली इकाई का साफ साफ उल्लेख नहीं किया जायेगा वह अपने मंच पर राजनीतिक विज्ञापन की अनुमति नहीं देगा। चुनावों को प्रभावित करने के लिए राजनीतिक अभियान चलाने के आरोप में घिरी सोशल मीडिया वेबसाइट ने कहा कि जो राजनीतिक विज्ञापन या मुद्दों पर आधारित विज्ञापन देना या खरीदना चाहते हैं तो उन्हें अपनी पहचान उजागर करनी होगी और वे कहां से हैं इस बारे में बताना होगा।
फेसबुक की ओर से यह कदम ऐसे समय उठाया गया है कि जब अगले हफ्ते उसके सीईओ मार्क जुकरबर्ग को कांग्रेस के समक्ष पेश होना है और ब्रिटिश सलाहकार फर्म कैंब्रिज एनालिटिका द्वारा उपयोगकर्ताओं का निजी डेटा का उपयोग राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चुनावी अभियान में करने से जुड़े सवालों का जवाब देना है। फेसबुक ने विज्ञापन को अधिक पारदर्शी बनाने की घोषणा करते हुए कहा कि विज्ञापनदाताओं को तब तक राजनीतिक विज्ञापन- चुनावी या अन्य विज्ञापन-चलाने से प्रतिबंधित किया जाएगा जब तक कि वह अधिकृत (यानी विज्ञापनदाताओं का सत्यापन होने तक) नहीं होते।
इसके अतिरिक्त फेसबुक मंच पर इन विज्ञापनों को शीर्ष में बाएं कोने पर राजनीतिक विज्ञापन के रूप में चिह्नित किया जाएगा। हमने इस हफ्ते सत्यापन की प्रक्रिया शुरू की है और कुछ समय बाद अमेरिका में लोगों को विज्ञापन संबंधित जानकारियां दिखना शुरू हो जाएंगी। फेसबुक ने कहा कि वह कृत्रिम मेधा (एआई) में निवेश कर रहा है और कुछ लोगों को जोड़ेगा ताकि ऐसे विज्ञापनदाताओं का पता लगाने में मदद मिल सके जिन्हें सत्यापन कराना चाहिए लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
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