नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कृषि क्षेत्र के प्रतिनिधियों से बातचीत के साथ बजट पूर्व चर्चा का दौर शुरू करते हुये आज कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि उत्पादों के विपणन और भंडारण सुविधाओं को बेहतर बनाने की जरूरत है।बजट से पहले वित्त मंत्री विभिन्न क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करते हैं और उन्हें विश्वास में लेते हैं। वे उनकी राय और शिकायतें सुनते हैं तथा उनकी उचित अपेक्षाओं को बजट में स्थान देने की कोशिश की जाती है।
वित्त वर्ष 2018-19 के बजट से पहले चर्चा की शुरुआत आज कृषि क्षेत्र के साथ हुई। श्री जेटली ने अपने उद्बोधन में कहा कि उत्पादन बढ़ने के लिए किसानों को उर्वरकों का संतुलित इस्तेमाल करना चाहिये तथा कृषि प्रसंस्करण के दौरान पानी की बचत पर ध्यान दिया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों के भंडारण और विपणन की सुविधाओं में सुधार से किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिलेगा तथा वर्ष 2022 तक उनकी आय दुगुणी करने का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा।
चर्चा के दौरान वित्त राज्य मंत्री राधाकृष्णन पी और शिव प्रताप शुक्ला, नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद, वित्त सचिव हसमुख अधिया, व्यय सचिव ए.एन झा, वित्तीय मामलों के सचिव सुभाष चंद, गर्ग, कृषि सचिव एस.के पटनायक तथा कृषि और वित्त मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। चर्चा में शामिल प्रतिनिधियों ने खेती के अलावा अन्य रोजगारों का सृजन कर जमीन पर बोझ कम करने की सलाह दी। उन्होंने पूरे देश के लिए ‘कृषि ऋण राहत पैकेज’की भी माँग की और कहा कि इसका बोझ केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर उठाना चाहिये। उन्होंने सस्ते ऋण के लिए इन ऋण खातों को आधार से जोड़ने की भी सलाह दी।
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