मुंबई : सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को वित्त वर्ष 2018-19 में आठ से नौ प्रतिशत की ऋण की वृद्धि के लिये 2.06 लाख करोड़ रुपये पूंजी की जरूरत होगी। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। पिछले साल अक्तूबर में सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपये की पुनर्पूंजीकरण योजना की घोषणा की गई थी। यह पूंजीकरण बैंकों को दो वित्त वर्षों 2017-18 और 2018-19 में दिया जाएगा।
सरकार ने पिछले महीने घोषणा की कि वह 31 मार्च, 2018 तक 20 सरकारी बैंकों में 88,139 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के वरिष्ठ विश्लेषक उदित करीवाला ने कहा कि सरकार की ओर से पुनर्पूंजीकरण राशि से बैंकों को स्थिरता मिलेगी। अधिक ऊंची वृद्धि के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को और पूंजी की जरूरत होगी।
हमारा अनुमान है कि 2018-19 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को ऋण की 8-9 प्रतिशत वृद्धि के लिए 2.06 लाख करोड़ रुपये की पूंजी की जरूरत होगी। रेटिंग एजेंसी ने निजी क्षेत्र के बैंकों तथा बड़े सरकारी बैंकों के लिए 2018-19 में स्थिर परिदृय कायम रखा है।
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