नई दिल्ली : भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के परिप्रेक्ष्य में सरकार से आग्रह किया है कि वह बैंकों में जारी अनियमितता को रोकने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 33 प्रतिशत करे। सीआईआई ने साथ ही यह भी कहा है कि इस तरह की समस्याओं से निपटने के लिए खासकर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में, प्रौद्योगिकी और बेहतर निरीक्षण की भी जरुरत है।
सीआईआई ने जहां सरकारी हिस्सेदारी घटाने की बात की है वहीं, एसोचैम और फिक्की समेत कई उद्योग संगठनों ने सरकारी बैंकों के निजीकरण की सलाह दी है। हालांकि, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकारी बैंकों के निजीकरण की आशंकाओं को खारिज करते हुये कहा है कि फिलहाल देश की राजनीतिक सोच इसके पक्ष में नहीं है।
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