मुंबई : गत सप्ताह भारतीय शेयर बाजारों में लगभग तेजी का स्वरूप ही देखने को मिल रहा था, जो अंत में विदेशी शेयर बाजारों में हलचल से निवेशकों की 80 प्रतिशत के करीब बिकवाली आने से अंतिम सत्र में बीएसई व एनएसई मामूली प्रभावित हुए। हालांकि गत सप्ताह की तुलना में बीएसई 34192.65 से बढ़त लेकर इस अवधि में 34415.58 अंक पर मजबूत ही था। इसी तरह एनएसई भी 10480.60 से बढ़ते हुए अंत में 10564.05 अंक पर बंद हुआ, लेकिन एक दिन पूर्व यानि वीरवार को दोनों सूचकांक क्रमश: 34426.29 एवं 10565.05 अंक पर बंद हुए थे। आलोच्य सप्ताह वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उथल-पुथल यानि लगभग उछाल ही रहने से घरेलू व विदेशी अनुभवी निवेशक खिलाडिय़ों की नजरें होने एवं भारतीय मौसम विभाग द्वारा आगे लॉ-नीनो अर्थात् अच्छा मानसून बताये जाने के चलते भारतीय शेयर बाजारों में लगभग तेजी ही देखी गयी।
अमेरिकन शेयर बाजार, बीएसई, अर्थव्यवस्था, ग्रोथ गति बढऩे से रुपए की तुलना में अमेरिकन डॉलर की कीमत बढ़ जाने से भी विदेशी निवेशकों ने बीएसई व एनएसई की ओर रुख किया हुआ था। जहां गत सप्ताह बीएसई 34192.65 से बढ़ते हुए मंगलवार को 34331.68 अंक होने के बाद वीरवार को 34426.29 अंक पर बढक़र बंद हुआ था, वह अंतिम सत्र के दौरान विदेशी शेयर बाजारों में करीब 80 प्रतिशत मंदा आ जाने से अंत में 80 प्रतिशत शेयरों में मंदे के कारण 11.71 अंक घटकर 34415.58 अंक पर बंद हुआ। अंतिम कार्यसत्र के दौरान ऑटो, स्टील, मैटल, इंजीनियरिंग गुड्स (एलएंडटी) हाऊसिंग सैक्टर डीएलएफ, कोयला, तेल, विद्युत व बैंक क्षेत्र के शेयरों में मंदा आने से बीएसई नरम पड़ा था। इसी तरह एनएसई भी उक्त अवधि के अंतराल 10480.60 से बढ़त लेकर बुधवार 10548.70 अंक होने के बाद वीरवार को 10565.30 अंक पर बंद हुआ था, वह अंत में 1.25 अंक नरम होकर 10564.05 पर बंद हुआ।
वहीं दो सप्ताह पूर्व खुदरा महंगाई की तरह गत सप्ताह के दौरान थोक मुद्रास्फीति भी नरम रही। मार्च माह की थोक महंगाई 2.47 प्रतिशत पर नरम रही, जिसमें खाद्य पदार्थों की कीमतें गिरने से सूचकांक कमजोर देखा गया। बैंकिंग लोन व नकदी समस्या उलझी रहने से बैंक क्षेत्र के शेयरों में अभी कुछ और गिरावट आ सकती है। दूसरी ओर टेक्रोलॉजी क्षेत्र के शेयरों में लिवाली से अच्छी बढ़त देखी गयी, जिसमें इंफोसिस, विप्रो, टीसीएस आदि शेयर शामिल थे।
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