नई दिल्ली : गत सप्ताह उत्तर भारत के प्लांटों में कच्चे दूध की आपूर्ति में लगातार वृद्धि बनी रही तथा डेयरी उत्पादों की बिक्री 20 प्रतिशत और घट गयी, जिससे निर्माता कम्पनियों ने डेढ़/दो रुपये लिक्विड दूध के भाव घटाकर खरीद की। कई बड़े प्लांटों से मिलावटी दूध के टैंकर रिजैक्ट हो गये। बाजार में 100/200 रुपए प्रति टीन देशी घी के भाव टूट गये, जबकि दूध पाउडर में स्थिरता बनी रही। आलोच्य सप्ताह कच्चे दूध की आपूर्ति गुलावठी, बुलंदशहर, आगरा, पलवल, होडल, स्याना, मेरठ, मोहिऊद्दीनपुर एवं खुर्जा आदि प्लांटों में दो करोड़ लीटर दैनिक हुई जिसमें पूरे सप्ताह के अंतराल 15.5 करोड़ लीटर दूध प्लाँटों में प्रोसेेसिंग में जाने से देशी घी का उत्पादन 9000 मी.टन एवं दूध पाउडर का उत्पादन 12000 मी.टन के करीब हुआ। $गौरतलब है कि पिछले कई सप्ताह से लगातार लिक्विड दूध की आपूर्ति में वृद्धि होने से मक्खन, देशी घी एवं दूध पाउडर का स्टॉक कम्पनियों में जमा हो गया है।
इसके अलावा सरकारी संस्थानों से भी काफी बटर उत्तर भारत में आया है जिससे यहां देशी घी के भाव कम्पनियों ने 10/12 रुपए घटा दिये। टैट्रा पैक में 30 आरएम प्लस वाला घी 360/370 रुपए एवं सैम्पल पास 340 रुपए रह गया है। देशी घी बड़े टीनों में 100/200 रुपए गिरकर 5000/5600 रुपए क्वालिटीनुसार रह गया। जबकि जीएसटी पेड 5200/6050 रुपए बोल रहे हैं। देशी घी बिल से 400/500 रुपए महंगा मिल रहा है। यही कारण है कि एक नम्बर में व्यापार नहीं हो पा रहा है। दूध पाउडर में पूरे सप्ताह स्थिरता बनी रही, लेकिन 5 रुपए घटाकर भी कोई लिवाल नहीं है। इन हालातों को देखते हुए दूध पाउडर एवं देशी घी में इसी लाइन पर 10 रुपए किलो की और गिरावट लग रही है।