जोहानिसबर्ग : केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने यहां एक कारोबारी शिखर सम्मेलन में कहा कि भारत दक्षिणी अफ्रीकी देशों के विकास में मदद करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि इन देशों में व्यापार की अपार संभावनाएं हैं। प्रभु दो दिवसीय भारत-अफ्रीका कारोबारी सम्मेलन 2018 में भाग लेने गये उच्च स्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। प्रभु ने सम्मेलन के दौरान बोत्सवाना, स्वाजीलैंड, लीसोथो और मोजाम्बिक के अपने समकक्षों के साथ मंच साझा करते हुए कहा कि हमें लगता है कि इन दो क्षेत्रों (भारत और दक्षिणी अफ्रीकी देशों) के बीच अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक महीने पहले भारत में हुई एक बैठक में चर्चा की गयी थी कि इन देशों में से प्रत्येक के लिए हम क्या कर सकते हैं।
मंत्री ने कहा कि यह हमारे लिए आंखें खोलने वाला था क्योंकि हमने इन देशों में से कुछ की क्षमताओं को पहचाना जिससे हम पहले अवगत नहीं थे। हम इसका इस्तेमाल कर सकते हैं और भारत भी ले जा सकते हैं। हम सभी देशों के लिए तैयारी कर रहे हैं कि साथ में हम क्या कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अफ्रीका के साथ व्यापारिक संबंधों को लेकर भारत मजबूती से प्रतिबद्ध है और इस बात को लेकर प्रयास किये जा रहे हैं कि इन देशों में परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिए दिये गये ऋण को कैसे और बेहतर किया जा सकता है।
सुरेश प्रभु ने कहा कि ये कदम उन देशों को लाभ पहुंचाएंगे जहां इन परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जाना है। भारत की तरफ से समर्थन का वादा करने के साथ ही सावधान भी किया कि इन परियोजनाओं को अत्यधिक महत्वाकांक्षी नहीं होना चाहिए। प्रभु ने तौर तरीकों की तलाश के लिए संयुक्त अध्ययन समूह का प्रस्ताव रखा।
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