नई दिल्ली : चीन और अमेरिका के बीच छिड़े प्रशुल्क युद्ध के बीच वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि भारत वैश्विक व्यापार में मौजूदा चुनौतियों से लाभान्वित हो सकता है बशर्ते वह अपनी चाल सही ढंग से चले। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की कदम से पूरी वैश्विक व्यापार प्रणाली के लिए चुनौती पैदा हो गयी है। यहां उद्योग मंडल सीआईआई के सम्मेलन के एक सत्र में में प्रभु ने कहा कि हम एक चुनौतीपूर्ण लेकिन सही दौर से गुजर रहे हैं। अगर हमने सही चाल चली और हम उसकी कोशिश कर भी रहे हैं, तो हम वास्तव में वैश्विक स्तर पर उत्पन्न मुद्दों के इर्द-गिर्द अवसर सृजित कर इससे लाभान्वित हो सकते हैं।
हमारे पास इसका सकारात्मक तरीके से जवाब देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। गौरतलब है कि अमेरिका ने चीन के इस्पात और एल्युमीनियम उत्पादों पर शुल्क लगाया है। साथ ही वहां चीने से आने वाली अन्य वस्तुओं पर भी शुल्क बढ़ाने की घोषणा की गयी है। चीन ने भी पलटवार कर जवाबी शुल्क जड़ दिए हैं। इन दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के इस रवैए से वैश्विक शीतयुद्ध शुरू हो गया है। दुनिया भर के व्यापार विशेषज्ञों ने इन उपायों को लेकर चिंता जतायी है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में हमें न केवल चुनौती का सामना करने के लिये तैयार रहना है बल्कि इसे एक अवसर भी बनाना है। मंत्री ने कहा कि सरकार निर्यात, औद्योगिक वृद्धि तथा विनिर्माण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये कदम उठा रही है।
उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था 5,000 अरब डालर की होगी और वैश्विक बाजार की कठिनायियों के बावजूद भारत तीव्र गति से वृद्धि कर रहा है। प्रभु ने कहा कि घरेलू उत्पादों की बाजार पहुंच बढ़ाने के लिये हम बहु-पक्षीय के साथ-साथ द्विपक्षीय रणनीति पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने अफ्रीका के साथ द्विपक्षीय रूप से लाभकारी मुक्त व्यापार समझौता का प्रस्ताव किया है और यूरोपीय संघ के साथ इसी प्रकार का समझौता करने के लिये बात की जा रही है।
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