नई दिल्ली : मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमणियम ने कहा कि जीएसटी व नोटबंदी के तात्कालिक प्रभावों से निकलने के बाद अब भारत उच्च वृद्धि की राह पर आगे बढ़ सकता है। माल व सेवा कर (जीएसटी) के कार्यान्वयन तथा एयर इंडिया के निजीकरण के संदर्भ में उन्होंने कहा, कुछ प्रमुख ढांचागत सुधारों के कार्यान्वयन के प्रभावों से उबरने केबाद अब वृद्धि पटरी पर आनी शुरू हुई है। उन्होंने कहा कि नीति निर्धारकों को यह आकलन करना चाहिए कि क्या बैंकिंग क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने के लिए और कुछ किए जाने की जरूरत है। बैंकिंग क्षेत्र 10 लाख करोड़ रुपये के फंसे कर्ज की समस्या से जूझ रहा है।
नीति निर्धारक ऋणशोधन व दीवाला संहिता तथा अन्य कदमों के जरिए इस समस्या के समाधान की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नये घटनाक्रम के बीच अगर हम बैलेंस शीट की इस दोहरी चुनौती (बैंक और कंपनियों की बैलेंसशीट) का समाधान कर लेते हैं और जीएसटी व नोटबंदी के अल्पकालिक प्रभावों कोको पीछे छोड़ देते हैं तो, केवल इससे ही हमारी वृद्धि दर उच्च दायरे में जा सकती है जो हमने हाल ही में देखी थी। चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
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