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सात साल में पांच हजार डॉलर की होगी भारतीय अर्थव्यवस्था : मुकेश अंबानी

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नई दिल्ली : भारतीय अर्थव्यवस्था अगले 7 साल यानी 2024 तक दोगुनी होकर 5,000 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगी और 2030 तक यह 10,000 अरब डॉलर की होगी। देश के सबसे अमीर व्यक्ति रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने आज यह बात कही। अंबानी ने यहां कहा कि 21वीं सदी के मध्य तक भारतीय अर्थव्यवस्था चीन को पीछे छोड़ देगी। अंबानी ने कहा कि उन्होंने 2004 में भविष्यवाणी की थी कि 20 साल में भारतीय अर्थव्यवस्था 5,000 अरब डॉलर पर पहुंचेगी। उस समय भारतीय अर्थव्यवस्था 500 अरब डॉलर की थी। उन्होंने उस समय लगाया गया अनुमान अब भी कायम है। वास्तव में 2024 से पहले यह लक्ष्य हासिल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले दस साल में भारतीय अर्थव्यवस्था तिगुनी होकर 7,000 अरब डॉलर की होगी और भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। अंबानी ने उम्मीद जताई कि भारत इस सदी में अमेरिका और चीन से अधिक समृद्ध हो सकता है। वर्ष 2030 तक भारतीय अर्थव्यवस्था 10,000 अरब डॉलर के आंकड़े को छू जाएगी। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के मध्य तक भारत की बढ़त चीन से आगे होगी। यह दुनिया के लिए अधिक आकर्षक होगा। भारत एक बेहतर और अलग तरीके का विकास मॉडल उपलब्ध कराएगा जिससे समान और समावेशी वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। यह वृद्धि प्रौद्योगिकी, लोकतंत्र बेहतर संचालन और समाज आधारित संस्कृति से हासिल होगी। वैश्विक आर्थिक नेतृत्व करेगा भारत विषय पर अपने संबोधन में अंबानी ने कहा कि पहली औद्योगिक क्रांति में कोयला और ताप वाली बिजली के जरिये गतिविधियों को आगे बढ़ाया गया।

दूसरी में थोक उत्पादन के लिए बिजली और तेल का इस्तेमाल किया गया। और तीसरी में उत्पादकता तथा आटोमेशन के लिए इलेक्ट्रानिक्स और आईटी का इस्तेमाल किया जा रहा है। अंबानी ने कहा कि पहली दो औद्योगिक क्रांतियों में भारत किनारे पर रहा, लेकिन कंप्यूटर आधारित तीसरी क्रांति में यह तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, चौथी औद्योगिक क्रांति अब हमारे ऊपर निर्भर है। इस क्रांति का आधार कनेक्टिविटी, कंप्यूटिंग, डेटा और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि भारत चौथी क्रांति में न केवल भागीदारी करेगा बल्कि उसके पास इसका अगुवा बनने का भी मौका होगा। अंबानी ने भारत की ताकत का उल्लेख करते हुए एक रॉकेट से 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने का उदाहरण दिया। उन्होंने आधार को दुनिया की सबसे बड़ा बायोमीट्रिक आईडी प्रणाली बताया। रिलायंस के बारे में अंबानी ने कहा कि पांच साल पहले जब ज्यादातर कंपनियों देश से बाहर निवेश कर रही थीं, उस समय हमने भारत में 60 अरब डॉलर के निवेश का फैसला किया था। उन्होंने कहा कि हमने इस निवेश चक्र को लगभग पूरा कर लिया है। हम अगले निवेश चक्र में और अधिक निवेश की प्रतिबद्धता जताएंगे। हालांकि उन्होंने इसका ब्योरा नहीं दिया। विदेशी निवेशकों को संदेश देते हुए अंबानी ने कहा कि भारत के उत्थान का हिस्सा बनें, भारत में निवेश करें। भारत में कमाएं, आगे बढ़ा। भारत के साथ भागीदारी करें और भारत के साथ समृद्ध बनें।

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