नई दिल्ली : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 7,718.17 करोड़ रुपये का एकल शुद्ध घाटा हुआ है। वसूली में फंसे कर्जों (एनपीए) के लिए ऊंचे प्रावधान की वजह से बैंक का घाटा ऊंचा रहा। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में देश के इस सबसे बड़े बैंक ने 2,814.82 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। दिसंबर, 2017 को समाप्त तीसरी तिमाही में बैंक को 2,416.37 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। एसबीआई ने बयान में कहा कि निचली निवेश आय और वेतन संशोधन के लिए ऊंचे प्रावधान की वजह से भी उसे घाटा हुआ है। पूरे वित्त वर्ष 2017-18 में बैंक को 6,547 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ।
इससे पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में एसबीआई ने 10,484 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था। बयान में कहा गया है कि एनपीए के लिए प्रावधान बढ़ने तथा बाजार के हिसाब से निवेश पोर्टफोलियो पर आय कम रहने से बैंक को पूरे वित्त वर्ष में 6,547 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ। मार्च तिमाही में गैर निष्पादित आस्तियों के लिए बैंक का प्रावधान 119 प्रतिशत बढ़कर 24,080 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 10,993 करोड़ रुपये रहा था। आकस्मिक खर्च बढ़कर 28,096 करोड़ रुपये था, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 11,740 करोड़ रुपये रहा था।
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