मुंबई: गत सप्ताह आरम्भ में बीएसई व एनएसई की गति में धीमापन बना हुआ है। मुख्य कारण वर्तमान में महंगाई को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मोनिटरी पॉलिसी दरों का मूल्यांकन होना था, जिससे घरेलू व विदेशी निवेशकों की लिवाली शांत चल रही थी, लेकिन बुधवार आरबीआई की ब्याज दरों में कोई बदलाव न होने के बाद अंतिम दो सत्रों में उक्त निवेेशकों की करीब 95 प्रतिशत शेयरों में भारी लिवाली को देखते हुए बीएसई व एनएसई तेजी में दहाड़ने लगे।
बीएसई गत सप्ताह 32832.94 से बढ़त लेकर अंतिम सत्र में 33250.30 की ऊंचाई नाप गया। एनएसई भी 10121.80 से उछलकर इसी अवधि में 10265.65 अंक पर जा पहुंचा। इस दौरान अधिकतर विदेशी शेयर बाजार भी तेजी में देखे गये।तीन सप्ताह पूर्व से चली आ रही देश-विदेश के शेयर बाजारों की मंदी गत सप्ताह अंतिम दो सत्रों में थम गयी, जिससेे बीएसई व एनएसई में अच्छी बढ़त के साथ बाजार बंद हुए। गत सप्ताह के दूसरे व तीसरे कार्यसत्र मंगल व बुधवार को आरबीआई की दरों पर निवेशकों का फोकस बना हुआ था, जिससे इन दोनों सत्रों में शेयर बाजार टूट गये थे। वहीं विदेेशी शेयर बाजारों में भी निवेशकों की लिवाली ठण्डी होने से बाजार लुढ़के हुए थे।
घरेेलू शेयर बाजारों में 90 प्रतिशत से अधिक शेयर फिसल गये थे, जो केन्द्रीय बैंक की ब्याज दरों की समीक्षा का थोक व खुदरा महंगाई के आंकड़ों में वृद्धि संकेतों के चलते आंकलन होना था, वह बुधवार को मोनिटरी पॉलिसी कमिटी (एमपीसी) 6 शीर्ष अधिकारियों की बैठक में आरबीआई गवर्नर द्वारा ब्याज दरें पूर्वस्तर पर ही रखने का निर्णय लिये जाने के बाद अंतिम दो सत्रों में भारतीय शेेयर बाजारों में चमक दिखाई दी।
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