नई दिल्ली: आज दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग हमारे लिए अनिवार्यता हो गई है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है शहरों में एयरकंडीशन का उपयोग अधिक से अधिक हो गया है और साथ में बिजली की खपत भी बढ़ गई है। इन्हीं सब जरूरतों को देखते हुए एनटीपीसी के प्रबंधन ने ग्रेटर नोएडा स्थित अपने बिल्डिंग में स्पेस कूलिंग के लिए सौर ऊर्जा आधारित सीएसटी तकनीक के इस्तेमाल का फैसला किया।
2012 में एनटीपीसी में स्थपित सीएसटी कूलिंग सिस्टम देश में स्थापित सबसे बड़े प्रणालियों में से एक है। इसके अन्तर्गत दो बड़े पैराबोलिक कंसंट्रेटर डिश लगाए गए हैं जिनसे 200 किलोग्राम प्रतिघंटा संतृप्त सुष्क वाष्प एक 50 टीआरके वेपर ऑब्जर्वशन मशीन (वीएएम) को प्राप्त होता है जिससे लगभग 175 किलोवाट तक कूलिंग प्राप्त हो जाता है। इससे विभिन्न कमरों को ठंडा रखने में मदद मिलती है। एनटीपीसी भवन में सौर तकनीक के उपयोग से एक तरफ जहां बिजली की बचत हो रही है, वहीं दूसरी तरफ कार्बन एमिशन में भी कमी आई है।