मुंबई : साख निर्धारक तथा बाजार शोध एवं सलाह कंपनी क्रिसिल का कहना है कि चीन और मलेशिया से आयात होने वाले सौर पैनलों तथा मॉड्यूलों पर 70 प्रतिशत सेफगार्ड शुल्क लगाने से 12,000 करोड़ रुपये की सौर परियोजनाएं खतरे में पड़ सकती हैं। सेफगार्ड्स महानिदेशालय ने चीन और मलेशिया से आयात होने वाले सौर पैनलों तथा मॉड्यूलों पर 70 फीसदी सेफगार्ड शुल्क लगाने की अनुशंसा की है। क्रिसिल ने कहा है कि इससे तीन गीगावाट क्षमता की निर्माणाधीन परियोजनाओं के लिए संकट पैदा हो सकता है।
इन परियोजनाओं की अनुमानित लागत 12,000 करोड़ रुपये है। साथ ही परियोजनाओं की लगात 25 प्रतिशत तक बढ़ सकती है जिसकी वजह से बिजली वितरण कंपनियों को प्रति इकाई बिजली की दर बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ सकता है। पिछले साल चार गीगावाट की सौर परियोजनाओं का बोली प्रक्रिया के जरिये आवंटन किया गया था जिन पर अभी काम चल रहा है।
खास बात यह है कि मॉड्यूलों के ऑर्डर तकरीबन एक साल की आपूर्ति अवधि के साथ दिये जाते हैं। यदि यह मान भी लिया जाये कि जिन कंपनियों से मॉड्यूल खरीदे जाने हैं उनके पास एक गीगावाट के सौर पैनलों के लिए मॉड्यूल तैयार थे और उन्हें भेजने का काम शुरू हो चुका होगा, तीन गीगावाट के लिए ऑर्डर अभी दिये जाने होंगे। ये परियोजनाएं प्रति इकाई बिलजी की कम दरों के आधार पर आवंटित की गयी हैं।
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