नई दिल्ली : काल ड्राप की गहराती समस्या से चिंतित दूरसंचार विभाग इस मुद्दे पर विचार विमर्श के लिए 10 जनवरी को कंपनियों व नियामक ट्राई के साथ अलग अलग बैठक करेगा। दूरसंचार सचिव अरूणा सुंदरराजन ने कहा कि दूरसंचार कंपनियों के सीईओ (मुख्य कार्यपालकों) के साथ बैठक में काल ड्राप की मौजूदा स्थिति पर चर्चा होगी। इसके साथ ही उन सेवा गुणवत्ता संबंधी नये नियमों पर भी चर्चा होगी जो ट्राई ने पिछले साल अक्तूबर में लागू किये।
दूरसंचार विभाग उस दिन यानी 10 जनवरी को नियामक ट्राई के साथ अलग से बैठक करेगा ताकि काल गुणवत्ता से जुड़े मुद्दों पर विचार विमर्श किया जा सके। उन्होंने कहा, हम कॉल ड्राप की स्थिति को लेकर सरकार की चिंताओं से कंपनियों को अवगत कराना चाहते हैं। सेवा प्रदाताओं को मिलकर काम करना होगा। कॉल ड्राप का मतलब मोबाइल पर बात करते समय कॉल का अचानक ही बीच में कट जाने से है। ग्राहकों की बढ़ती शिकायतों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि काल की गुणवत्ता लगातार खराब हुई है। उल्लेखनीय है कि दूरसंचार कंपनियों की सेवाओं की गुणवत्ता पिछले दो साल में बड़ा मुद्दा रहा है। 2016 में नियामक ने कंपनियों से कहा था कि वे काल ड्राप के लिए अपने उपयोक्ताओं को मुआवजा दें हालांकि उसका यह आदेश उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया।
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