जीएसटी बिल के पहले केंद्र सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया था , जी हाँ 16 जून से सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर रोजाना समीक्षा करने का फैसला लिया था , जानकारों की माने तो ये फैसला ग्राहकों के लिए फायेदा का सौदा साबित हो सकता है।
पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में शामिल न करने पर, केंद्र सरकार पर काफी सवाल भी उठाये गए थे पर सरकार के द्वारा राज्य सरकारों का हवाला देकर बताया गया था की अभी इस मुद्दे पर विचार विमर्श चल रहा है और जल्द ही इसपर भी काम किया जाएगा।
अब कुछ लोग इस समीक्षा के कदम को ग्राहकों के लिए नुक्सान दायक भी कह रहे है। फिलहाल तो ज्यादा फर्क देखने को नहीं मिला है पर पेट्रोल की कीमतों में गिरावट जरूर देखने को मिल रही है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकार का बचाव करते हुए विपक्ष को जवाब दिया की सरकार ग्राहकों के हित में कार्य कर रही है और करती रहेगी। वैश्विक स्तर पर पेट्रोल के दाम कम होने पर विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए कहा था की सरकार चाहे तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भरी कमी ला सकती है। अब कह सकते है इस दिशा में सरकार शायद अच्छे दिन लाने जा रही है। आईये नज़र डालते है पेट्रोल और डीजल के दामों में पिछले एक माह में कितना फर्क आया है।
बात अगर डीजल की करे तो मुंबई को छोड़कर बाकी शहरों में डीजल के दाम बढे है। आइये डीजल के दामों पर भी एक नज़र डाल ली जाए।
पिछले महीने काफी उतार चढाव देखने के बाद पेट्रोल की कीमत में 1.45 रूपए प्रति लीटर की गिरावट दर्ज की गयी है , जहाँ 16 जून को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 65.48 रूपए प्रति लीटर थी वहीं 15 जुलाई में पेट्रोल का दाम 64.03 रूपए प्रति लीटर दर्ज किया गया ।