श्योपुर: मप्र विधानसभा में सरकार द्वारा 35 गांवों के लिए अलग से नहर निकाले जाने के मुद्दे पर दिए गए दो टूक जवाब से नाराज किसान 10 दिसम्बर को रामगांवडी में बैठकर आंदोलन की रणनीति अख्त्यिार करेंगे। भले ही शासन-प्रशासन प्रस्तावित मूंझरी बांध से इन गांवों के किसानों को पानी देने की बात कह रहा हो,लेकिन इन गांवों के किसान हर हाल में चंबल नहर से अलग नहर निकाले जाने की मांग पर अडे हुए हैं।
किसानों का आरोप है कि मूंझरी बांध से पानी देने का मामला शासन-प्रशासन का एक सिगूफा है। इसके अलावा कुछ नहीं। इसलिए किसान इस दफा शासन-प्रशासन से आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूंड में नजर आ रहे हैं। क्योंकि जैसे ही सरकार ने विधानसभा में यह कहा कि चंबल नहर से पानी देना संभव नहीं है, वैसे ही किसानों ने दूसरे दिन आपात बैठक करते हुए महापंचायत के लिए 10 तारीख की तिथि मुकर्रर कर दी।
इस महापंचायत में इन गांवों के बड़ी संख्या में किसान जुटने की संभावना है, लेकिन नहर के मसले पर किसानों की एकजुटता ने न केवल जनप्रतिनिधियों के ही माथे पर चिंता की लकीरें नहीं खींची हैं, बल्कि शासन-प्रशासन को भी चिंता में डाल रखा है, इसलिए प्रशासन इस आंदोलन को ऐन-केन-प्रकारेण खत्म कराना चाहता है, मगर अभी तक प्रशासन को इस दिशा में तनिक भी कामयाबी नहीं मिली है।
किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश मीणा ने 35 गांवों के किसानों से महापंचायत में अधिक से अधिक संख्या में जुटने की अपील की है। किसान संगठन का धरना प्रदर्शन आजः किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर राष्ट्रीय किसान संगठन का धरना-प्रदर्शन आज श्योपुर-खातोली हाइवे स्थित कस्बा प्रेमसर मे किया जाएगा।
इस आशय की जानकारी देते हुए किसान संगठन के जिलाध्यक्ष मूलचंद मीणा ने क्षेत्रीय किसानों से सुबह 11.00 बजे से अपरान्ह 4.00 बजे से आयोजित धरना प्रदर्शन में अधिकाधिक संख्या में भागीदारी का आग्रह किया है।