नयी दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि 21 वीं सदी ज्ञान अर्थव्यवस्था का समय है और नये विचार और नवोन्मेष की शक्ति धन से बड़ी है । उन्होंने कहा कि मानव समाज का सतत विकास भारतीय मूल्यों और आधुनिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के मेल से संभव है। कोविंद यहां दिल्ली विश्वविद्यालय के पीजीडीएवी कॉलेज के डायमंड जुबली समारोह को संबोधित कर रहे थे । युवाओं और ई-कॉमर्स, परिवहन और पर्यटन में उनके स्टार्टअप की सफलताओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी सफलताओं के पीछे पूंजी निवेश से ज्यादा मानव प्रतिभा और बुद्धिमता का हाथ है ।
कोविंद ने कहा, ‘‘21 वीं सदी ज्ञान अर्थव्यवस्था का समय है। आज के युग में नये विचार, नयी सोच और नवोन्मेष की शक्ति धन से बड़ी है। ’’ राष्ट्रपति ने कहा कि रोजगार की परिभाषा बदल रही है। रोजगार का मतलब पारंपरिक नौकरी नहीं है । खुद के लिए और दूसरों के लिए रोजगार के अवसर का सृजन ज्यादा मुफीद बन रहा है ।
24X7 नई खबरों से अवगत रहने के लिए क्लिक करे।