भोपाल : मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के गठन से प्रदेश में पर्यटन नीति के अंतर्गत साढे आठ सौ हेक्टेयर का लैण्डबैंक बनाया गया है। पर्यटन क्षेत्र में इसके जरिये 16 निवेशकों को 60 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। इसमें लगभग 18 करोड़ रुपये की प्रीमियम राशि प्राप्त हुई है।
लगभग 23 इकाइयों को 52 करोड़ रुपयों की केपिटल सब्सिडी मुहैया कराई गई है। वॉटर टूरिज्म के तहत 18 वॉटर बॉडीत्र में 3 हजार स्क्वेयर किलोमीटर क्षेत्र चिन्हांकित किया गया है। प्रदेश में ‘होम-स्टे’योजना को प्रोत्साहन देने की नीति पर अमल करते हुए 97 होम-स्टे पंजीकृत किये गये हैं। यह जानकारी आज यहां पर्यटन नीति-2016‘ सुविधाएं एवं संभावनाएं’ और होम-स्टे पर आयोजित कार्यशाला में दी गयी।
कार्यशाला में प्रमुख सचिव पर्यटन एवं पर्यटन बोर्ड के एम.डी. हरि रंजन राव ने कहा कि राज्य शासन द्वारा पर्यटन बोर्ड को नई ऊंचाइयों पर लाने और पर्यटकों को आकर्षित करने की दिशा में लगातार कोशिशें की जा रही हैं। मध्यप्रदेश आने वाले टूरिस्ट अपने अच्छे अनुभव हासिल कर वापस लौटें, यह प्रयास हैं।
उन्होंने कहा कि पर्यटकों को स्थानीय परिवेश, रहन-सहन, खान-पान और संस्कृति से अवगत करवाकर अलग तरह के अनुभव हासिल करने के उद्देश्य से होम-स्टे योजना शुरू की गई है। इसे अच्छा प्रतिसाद मिला है। नवाचार और बेस्ट प्रेक्टिसेस पर भी समुचित ध्यान दिया जा रहा है। एयर बी.एन.बी।
की पूजा श्रीवास्तव एवं सूर्या सदाशिवन ने होम-स्टे योजना और गुजरात में सेवा-समिति एनजीओ के साथ मिलकर किये गये कार्यों पर केन्द्रित प्रेजेंटेशन दिया। कार्यशाला में पर्यटन विकास निगम के कर्षणत्रतएम.डी. डॉ. श्रीकांत पाण्डेय, टूरिज्म एण्ड हॉस्पिटेलिटी स्किल काउंसिल की सीईओ सोनाली सिन्हा सहित पर्यटन से जुड़ विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी और एनजीओ के प्रतिनिधि मौजूद थे।
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