आरुषि-हेमराज हत्याकांड के मामले में आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को आरुषि के माता-पिता राजेश और नूपुर तलवार को बरी कर दिया है। साथ जज ने कहा कि राजेश और नूपुर तलवार को तुरंत रिहा किया जाये। वही उनकी रिहाई में देरी हो सकती है, क्योंकि अभी तक जेल को फैसले की कॉपी नहीं मिली है। गौरतलब है कि जब तक फैसले की कॉपी नहीं मिलेगी तब तक रिहाई नहीं हो सकती है। गौरतलब है कि शनिवार, रविवार छुट्टी होने के कारण सोमवार को ही रिहाई हो पाएगी।
आपको बता दे की हाईकोर्ट ने सीबीआई के सबूतों को नाकाफी माना और सबूतों के अभाव में तलवार दंपत्ति को कातिल मानने से इनकार कर दिया। जस्टिस बी के नारायण और जस्टिस ए के मिश्रा की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा है कि सीबीआई की दलील में दम नहीं है। वारदात के वक्त घर में सिर्फ राजेश और नुपूर तलवार थे इसलिए हत्या इन्हीं लोगों ने की ये साबित नहीं होता। हत्याकांड में कोई ठोस सबूत नहीं है। तलवार दंपति को संदेह का लाभ दिया जाता है। जानकारी के मुताबिक तलवार दंपत्ति फैसले से खुश हैं और पूरी रात सो भी नहीं पाए।
तलवार दंपति ने सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। 26 नवंबर, 2013 को राजेश और नूपुर को सीबीआई कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उसके खिलाफ तलवार दंपति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी ।
इससे पहले, अदालत ने 11 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षा कर लिया था। हालांकि बाद में अदालत ने सीबीआई की कुछ दलीलों में विरोधाभास पाते हुए सुनवाई को फिर से शुरू करने का फैसला किया। फिर अदालत ने अपना फैसला 12 अक्टूबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया था।
आपको बता दे कि सीबीआई की जांच के आधार पर गाजियाबाद की सीबीआई अदालत ने 26 नवंबर, 2013 को हत्या और सबूत मिटाने का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद से तलवार दंपति जेल में बंद हैं। उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी।
बता दे कि डॉ. तलवार की बेटी आरुषि की हत्या 15 एवं 16 मई 2008 की दरम्यानी रात नोएडा के सेक्टर 25 स्थित घर में ही कर दी गई थी। घर की छत पर उनके घरेलू नौकर हेमराज का शव भी पाया गया था। इस हत्याकांड में नोएडा पुलिस ने 23 मई को डॉ. राजेश तलवार को बेटी आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस मामले की जांच एक जून को सीबीआई को सौंप दी गई थी।
यहां जानिए इस हत्याकांड और इससे जुड़ी कोर्ट की कार्यवाही का साल दर साल ब्योरा :-
2008
- मई 16 : 14 साल की आरुषि तलवार नोएडा में अपने घर के बेडरूम में मरी मिली। उसका गला क था. नौकर हेमराज पर शक आया।
- मई 17 : हेमराज की लाश तलवार के घर के टेरेस पर मिली।
- मई 23 : आरुषि के पिता डॉ राजेश तलवार को यूपी पुलिस ने आरुषि और हेमराज की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
- जून 1 : सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ली।
- जून 13 : डॉ राजेश तलवार के कम्पाउंडर कृष्णा को सीबीआई ने गिरफ्तार किया..तलवार के दोस्त दुर्रानी के नौकर राजकुमार और तलवार के पड़ोसी के नौकर विजय मंडल को भी बाद में गिरफ्तार किया. तीनों दोहरे हत्याकांड के आरोपी बने।
- जुलाई 12 : राजेश तलवार गाजियाबाद की डासना जेल से जमानत पर रिहा।
- सितंबर 12 : कृष्णा, राजकुमार और विजय मंडल को लोअर कोर्ट से जमानत मिली. सीबीआई 90 दिन तक चार्जशीट फाइल नहीं कर सकी।
2009
- सितंबर 10 : आरुषि हत्याकांड की जांच के लिए सीबीआई की दूसरी टीम बनी।
2010
- दिसंबर 29 : सीबीआई ने आरुषि हत्याकांड में अदालत में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी।
2011
- जनवरी 25 : राजेश तलवार ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ लोअर कोर्ट में प्रोटेस्ट पिटीशन दाखिल की।
- फरवरी 9 : लोअर कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट खारिज की। आरुषि के मां-बाप, राजेश और नुपुर तलवार को हत्या और सुबूत मिटाने का दोषी माना।
- फरवरी 21 : डॉ राजेश और नुपुर तलवार ट्राइल कोर्ट के समन को रद्द करवाने हाइकोर्ट गए।
- मार्च 18 : हाईकोर्ट ने समन रद्द करने की तलवार की गुजारिश खारिज की और उन पर कार्यवाही शुरू करने को कहा।
- मार्च 19 : तलवार सुप्रीम कोर्ट गए, जिसने उनके खिलाफ ट्राइल को स्टे कर दिया।
2012
- जनवरी 6 : सुप्रीम कोर्ट ने तलवार की अर्ज़ी खारिज की और ट्राइल शुरू करने की इजाजत दी।
- जून 11 : गाजियाबाद में विशेष सीबीआई जज एस लाल के सामने ट्राइल शुरू हुआ।
- अक्टूबर 10 : फाइनल आर्ग्युमेंट शुरू हुए।
- नवंबर 25 : तलवार दंपति को गाज़ियाबाद की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने दोषी पाया और उम्र कैद की सजा सुनाई।
2014
- जनवरी : तलवार दंपत्ति ने लोअर कोर्ट के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी।
2017
- जनवरी 11 : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तलवार की अपील पर फैसला सुरक्षित किया।
- अगस्ट 01 : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि तलवार की अपील दुबारा सुनेंगे क्योंकि सीबीआई के दावों में विरोधाभास हैं।
- सितंबर 08 : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरुषि हत्याकांड में फैसला सुरक्षित किया।
- अक्टूबर 12 : लोअर कोर्ट से तलवार दंपति की सजा के चार साल बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट आरुषि हत्याकांड पर फैसला सुनाएगा।