देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री कहे जाने वाले केस आरुषि हत्याकांड में एक बार फिर नया मोड़ आ गया है। दरअसल, आरुषि-हेमराज मर्डर में डॉक्टर दंपती राजेश और नूपुर तलवार की रिहाई के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को हेमराज की पत्नी खुमकला बंजाडे ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
हेमराज की पत्नी ने कहा है कि हाईकोर्ट ने इसे हत्या तो माना है लेकिन किसी को दोषी करार नहीं दिया। याचिका में मांग की गई है कि जांच एजेंसी इस हत्याकांड के हत्यारों का पता लगाए।
याचिका में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का भी ज़िक्र किया गया है जिसमें कोर्ट ने यह कहा है कि अगर घर के अंदर कोई हत्या होती है तो घर में मौजूद व्यक्ति की यह ज़िम्मेदारी है कि वह पूरे घटनाक्रम की जानकारी दें। लेकिन आरुषि- हेमराज हत्याकांड में राजेश तलवार और नुपुर तलवार यह नहीं बता पाए कि हत्या कैसे हुई। याचिका में निचली अदालत के फैसला जिसमें तलवार दंपती को दोषी करार दिया गया था को सही बताय गया है और उसे बहाल करने की मांग की गई है।
गौरतलब है कि नोएडा में साल 2008 के दौरान 14 साल की आरुषि और उसके घरेलू नौकर हेमराज की हत्या हुई थी। मामले की जांच सीबीआई को मिली तो इस हत्याकांड में सनसनीखेज खुलासा हुआ। आरूषि के माता पिता डा. राजेश और नुपुर तलवार ही आरोपी बने।
गाजियाबाद की सीबीआई अदालत ने सुनवाई शुरू की और आरुषि व हेमराज की हत्या में तलवार दंपत्ति को दोषी पाया। जस्टिस श्याम लाल की अदालत ने नवंबर 2013 में दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई लेकिन चार साल बाद हाईकोर्ट ने दोनों को बरी कर दिया।
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