वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत अब तक 30 करोड़ खाते खुल चुके हैं और उनमें से मात्र 20 प्रतिशत ऐसे खाते हैं जिनमें धनराशि जमा नहीं हुई है। जेटली ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा यहां आयोजित वित्तीय समावेशन सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए कहा कि तीन वर्ष पहले जब यह योजना शुरू हुई थी तब 77 प्रतिशत ऐसे खाते थे जिनमें धनराशि जमा नहीं हुई थी लेकिन अब ऐसे खातों की संख्या घटकर 20 प्रतिशत रह गई है।
Zero balance accounts under PM Jan Dhan Yojana down to 20 per cent from 77 per cent in 3 yrs:Arun Jaitley at Conclave on Financial Inclusion pic.twitter.com/xm8HjjtZXH
— ANI (@ANI) September 13, 2017
उन्होंने कहा कि इन खातों को सिर्फ खोलना ही काफी नहीं है बल्कि इन्हें संचालित करने की भी जरुरत है। इसके मद्देनजर केंद्र और राज्य सरकारों की कई योजनाओं के लाभ सीधे लाभार्थियों के जन-धन खाते में जमा कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जन-धन खातों को संचालित करने के लिए चौतरफा पहल करने की जरुरत है।
उन्होंने सरकारी संसाधनों को जरुरतमंदों के लिए लक्षित करने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि पिछले तीन वर्षों में ऐसे मुद्दे केंद्र बिंदु में लाए गए हैं जिन्हें पहले मुद्दा माना ही नहीं जाता था। वित्त मंत्री ने कहा कि आधार कानून संवैधानिकता के परीक्षण में सफल रहेगा। उन्होंने कहा कि पहले जब आधार लाया गया था तब इसकी पूरी क्षमता का उपयोग नहीं किया गया था।
उन्होंने कहा कि अब इसकी क्षमता की पहचान हो रही है और यह देश के लिए बहुत जरूरी है। जेटली ने कहा कि नोटबंदी से अनौपचारिक अर्थव्यवस्था औपचारिक बन गई है और इससे न केवल कर आधार बढ़ाने में मदद मिली है बल्कि नगदी लेन-देन में भी कमी आई है। नोटबंदी के बाद डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा दिया गया था जिसका असर अब दिखने लगा है।
Results of demonetization- volume of cash reduced, tax base increase, more formalisation of the economy: Arun Jaitley,Finance Minister pic.twitter.com/nezUW1UcpK
— ANI (@ANI) September 13, 2017