श्योपुर : चंबल दांयिनी मुख्य नहर से अलग नहर निकाले जाने की मांग को लेकर गत 20 दिनों से धरने पर बैठे किसानों को आज तब राहत मिली,जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नहर निकालने की सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी ओर अधिकारियों को 7 दिवस मे डीपीआर बनाने के निर्देश भी जारी कर दिए। इससे पूर्व जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव आरएस जुलानिया ने भी पॉजिटिव रूख अपनाते हुए किसानों को नहर संबंधी मांग को माने जाने का आश्वासन दिया था।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 60 सदस्यीय किसानों का एक प्रतिनिधि सोमवार की रात भोपाल रवाना हुआ था,जो आज सुबह भोपाल पहुंच गया। सबसे पहले प्रतिनिधि मंडल की जल संसाधन विभाग के पीएस श्री जुलानिया के साथ मीटिंग हुई,जिसमें प्रतिनिधि मंडल ने अपनी मांग के संबंध में तर्क प्रस्तुत किए। प्रतिनिध मंडल का कहना था कि 35 गांवों के किसानों के लिए सिंचाई का कोई साधन नहीं है,जिसके चलते उनकी जमीनें रवी सीजन में बंजर पडी रहती है। जिस कारण हम किसानों के आर्थिक हालात ठीक नहीं है।
किसानों का तर्क था कि यह मांग कोई नई नहीं है। पिछले बीस वर्षों से हम इस मांग को समय-समय पर शासन-प्रशासन के समक्ष उठाते रहे हैं,लेकिन अभी तक की सरकारों ने इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दिया। परिणामस्वरूप यह मांग आज तक अधूरी पडी रही। मांग नहीं माने जाने के चलते ही हम किसानों को आंदोलन का रास्ता अपनाना पडा है। किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश मीणा ने बताया कि मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चोहान ने अलग से नहर निकाले जाने की मांग को स्वीकृती दे दी ,बडौदा में मूंडला के समीप की नहर से इसे लिफ्ट करके 20 मीटर ऊंचाई पर स्थित गांवों की डिस्ट्री ब्यूटरी में पहुंचाएंगे और आवदा वाली नहर में पानी डालकर शेष गांवों में पहुंचाने का काम होगा।
सम्बन्धित अधिकारियों को सात दिन मे डीपीआर बनाने के निर्देश भी जारी कर दिए इससे पूर्व श्री जुलानिया ने भी किसानों की मांग को माने जाने को लेकर सकारात्मक जवाब दिया था। मांग पूर्ण होने के बाद किसानों मे खुशी की लहर दौड़ गई, मुलाकाित के दौरान प्रतिनिधि मंडल ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को किसानों की समस्या से अवगत कराया गया। किसानों की बात को समझने के बाद सीएम ने नहर निकालने की सहमति प्रदान कर दी। सीएम की मंजूरी के बाद किसानों के चेहरे पर खुशी देखी गई।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्योपुर के 35 गांवों में चंबल नहर डालने को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों से मुलाकात देर शाम को तय की थी, लेकिन सुबह ही वीडियोकांफ्रेंस में अफसरों ने तय कर दिया कि किसानों को सिंचाई के लिए पानी चंबल नहर से ही मिलेगा। मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वालों मे क्षेत्रीय विधायक दुर्गालाल विजय, नगर पालिका अध्यक्ष दौलतराम गुप्ता ,किसान नेता हरिशंकर पालीवाल, किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश मीणा, किसान नेता मूलचन्द्र रावत, सहित अन्य किसान मौजूद थे।
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