समाजसेवी अन्ना हजारे ने लोकपाल के मुद्दे पर एक बार फिर आंदोलन की चेतावनी दी है लोकपाल की नियुक्ति को लेकर समाजसेवी अन्ना हजारे मोदी सरकार को चुनौती देने का मन बना रहे हैं। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बारे में उन्होंने कई बार चिट्ठी लिखी है। उन्होंने बताया है कि किसी भी चिट्ठी का जवाब अभी तक नहीं आया है। उन्होंने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिर से आंदोलन करने की चेतावनी दी है। समाजसेवी अन्ना हजारे ने साफ तौर पर कहा है कि अगर लोकपाल नहीं लाया गया तो वह फिर से आंदोलन करने के लिए तैयार हैं।
अन्ना ने कहा कि 6 साल बाद भी अभी तक भ्रष्टाचार को रोकने वाले कानून पर अमन नहीं हुआ। लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति से जुड़े सशक्त विधेयकों पर सरकार सुस्त बैठी है। किसानों की समस्याओं पर स्वामीनाथ आयोग की रिपोर्ट पर भी अमल नहीं हुआ। अन्ना ने लिखा कि मैंने इन तमाम मुद्दों पर पत्र लिखा लेकिन जवाब नहीं मिला। इसे देखते हुए मैंने दिल्ली में फिर आंदोलन करने का फैसला किया ।
अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा कि लोकपाल और लोकायुक्त पर कानून बनने के दौरान विपक्ष में रही बीजेपी ने संसद के दोनों सदनों में इसका पुरजोर समर्थन किया था ।2014 में आपकी सरकार भी बनी। लोकपाल आंदोलन के बाद जनता ने बहुत उम्मीदों से आपके नेतृत्व में नई सरकार को चुना था।
उन्होंने आगे कहा कि पिछले तीन सालों से मैं आपकी सरकार को लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए याद दिलाता रहा हूं लेकिन आपने मुझे कभी जवाब नहीं दिया और ना ही एक्शन लिया।
अन्ना इससे पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख चुके हैं जिसमें उन्होंने अधूरे चुनावी वादों को पूरा करने की मांग की थी। उन्होंने पीएम को याद दिलाते हुए कहा था कि उन्होंने उनकी सरकार में और पिछली सरकार यानी कांग्रेस की सरकार में कोई खास अंतर नहीं दिखाई देता।
आपको बता दे कि 6 साल पहले अन्ना ने दिल्ली के रामलीला मैदान से जनलोकपाल बिल के लिए भूख हड़ताल की थी। इस दौरान अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी और बाबा रामदेव उनकी टीम में शामिल थे। भ्रष्टाचार मुक्त भारत नाम के इस आंदोलन में यूपीए सरकार और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठी। जिसके बाद लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ने 2013 में लोकपाल कानून पास कर दिया था।