लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

संसद में एक निजी विधेयक लायेंगे असदुद्दीन औवैसी

NULL

नयी दिल्ली : हैदराबाद से सांसद और ऑल इंडिया मजलिस ए इथेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भीड़ द्वारा की जा रही हिंसा और पीट पीट कर हत्या किये जाने की घटनाओं के खिलाफ संसद में एक निजी विधेयक पेश करेंगे।

औवैसी ने कहा कि इस विधेयक को वे जल्द ही लोकसभा में पेश करेंगे और इसके लिए लोकसभा सचिवालय को नोटिस भी दे दिया है। इस विधेयक में भीड़ द्वारा की जाने वाली हिंसा की रोकथाम और उसके लिए दंड दोनों का प्रावधान है। ओवैसी ने यह भी बताया कि लोकसभा सचिवालय ने विधेयक संबंधी उनका नोटिस स्वीकार भी कर लिया है।

गौरतलब है कि देश के विभिन्न हिस्सों में गौ रक्षकों के हमले और पीट पीट कर हत्या किये जाने की घटनाओं के विरोध में असदुद्दीन औवैसी काफी मुखर रहे हैं। अयोध्या मामला और राम मंदिर के बारे में एक प्रश्न के उथर में ओवैसी ने कहा कि हमारा हमेशा से कहना रहा है कि जिस तरह से 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद को गिराया गया, कानून की धज्जियां उड़ाई गई, वैसा दोबारा नहीं होगा। न तो यह मुल्क और न ही उच्चतम न्यायालय किसी को ऐसा करने की इजाजत देगा।

उन्होंने कहा कि जहां तक मुस्लिम पर्सनल लॉ का रूख है, यह पूरी तरह से साफ है। अब इस बारे में कोई बातचीत नहीं होगी। अतीत में कई मर्तबा ऐसी कोशिशें हुई। जब वी पी सिंह प्रधानमंत्री थे, जब चंद्रशेखर प्रधानमंत्री थे और जब देवेगौड़ा और आई के गुजराल प्रधानमंत्री थे, तब भी इस बारे में बातचीत की कोशिशें हुई।

एमआईएमआईएम सांसद ने कहा कि हर बार कोशिशें हुई, लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकला। नाकामी मुसलमानों की तरफ से नहीं हुई बल्कि दूसरे तरफ से हुई। जो आरएसएस के लोग थे, उनके तरफ से हुई।

औवैसी ने कहा कि जब तीन तलाक के विषय की सुनवाई छुट्टियों में हो सकती है तब सरकार को उच्चतम न्यायालय में हलफनामा पेश करके यह आग्रह करना चाहिए कि अयोध्या मामले की सुनवाई तेज गति से और रोजाना आधार पर की जाए। उन्होंने कहा कि इस बारे में सरकार को पहल करनी चाहिए । सुब्रमण्यम स्वामी को आगे करने की क्या जरूरत है।

एआईएमआईएम सांसद ने कहा कि ये मालिकाना हक की लड़ाई है और इसका फैसला सिर्फ अदालत ही कर सकती है। उल्लेनीय है कि हाल ही में न्यायालय ने सुझाव दिया था कि इस मामले में दोनों पक्षों के लिये बैठकर बातचीत के माध्यम से समाधान निकालना बेहतर होगा। उच्चतम न्यायालय ने कल कहा था कि वह राम मंदिर-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को शीघ्र सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के मामले में निर्णय लेगा। शीर्ष अदालत में यह याचिका भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने दायर की थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

twenty + 17 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।