लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

आयुर्वेद का बिहार की भूमि से पुराना रिश्ता

NULL

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आयुर्वेद का बिहार की भूमि से बड़ा पुराना रिश्ता रहा है। राजगीर निवासी आचार्य जीवक और चाणक्य तक्षशिला में पढ़े थे जो पाकिस्तान में हैं। माना जाता है कि आचार्य जीवक भगवान बुद्ध का इलाज भी किये थे। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद देशी चिकित्सा पद्दति है और इसकी बहुत प्रतिष्ठा रही है। मुख्यमंत्री ने ज्ञान भवन स्थित अशोक कन्वेंशन केन्द्र में आयोजित तीन दिवसीय छठे आयुर्वेद पर्व का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। तीन दिवसीय आयुर्वेद पर्व के उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सबसे पहले आयुर्वेद प्रवर्तक भगवान धन्वन्तरी की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।

अखिल भारतीय आयुर्वेदिक महासम्मेलन के अध्यक्ष सह राष्ट्रीय पर्व के चेयर पर्सन पद्म भूषण वैद्य देवेन्द्र त्रिगुणा एवं वैद्य धंनजय शर्मा ने मुख्यमंत्री को अंगवस्त्र, पुष्प-गुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर अभिनन्दन किया। आयुष मंत्रालय भारत सरकार, अखिल भारतीय आयुर्वेदिक महासम्मेलन और बिहार सरकार स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय पर्व के मौके पर मुख्यमंत्री सहित मंच पर मौजूद अतिथियों ने स्मारिका का विमोचन किया।

मुख्यमंत्री ने छठे आयुर्वेद पर्व में वैद्य डा.जगन्नाथ त्रिपाठी,वैद्य इंदु मिश्रा,वैद्य यशवंत सिंह,वैद्य अजमत हुसैन अंसारी और वैद्य अलख नारायण सिंह को धन्वन्तरी सम्मान से सम्मानित किया। अखिल भारतीय आयुर्वेदिक महासम्मेलन के अध्यक्ष एवं छठे राष्ट्रीय पर्व के अध्यक्ष पद्म भूषण वैद्य देवेन्द्र त्रिगुणा को मुख्यमंत्री ने पुष्प-गुच्छ, अंग-वस्त्र एवं स्मृति चिह्न भेंटकर स्वागत किया। छठे आयुर्वेद पर्व को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में छठे आयुर्वेद पर्व का आयोजन किया गया है, जिससे लोगों को काफी लाभ होगा।

उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से आयुर्वेद से जुड़े लोगों और इसमें दिलचस्पी रखने वाले लोगों को काफी प्रसन्नता होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तीन दिवसीय आयुर्वेद पर्व के माध्यम से अपनी पुरानी चिकित्सा पद्धति से नई पीढ़ी के लोग जागरूक होंगे और उनमे जागृति आएगी। उन्होंने कहा कि भारत में आयुष मंत्रालय बना है, यह अच्छी बात है, जिसमें आयुर्वेद, यूनानी जैसी अनेक देशी और पुरानी चिकित्सा पद्धतियों की महत्ता को ध्यान में रखते हुए शामिल किया गया है ताकि उसका उपयोग हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों के यहां आयुष चिकित्सक बड़ी संख्या में कार्यरत हैं। बचपन से ही व्यक्तिगत एवं भावनात्मक रूप से आयुर्वेद से हमारा संबंध है।

उन्होंने कहा कि हमारे पिताजी पटना राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रोडक्ट थे, जो उसके शासी निकाय से भी जुड़े रहें, उनका रिश्ता स्वतंत्रता संग्राम से रहा और कई बार उन्हें जेल भी जाना पड़ा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मैं बच्चा था तो देखता था कि एलोपैथ में बहुत कम डॉक्टर थे लेकिन धीरे-धीरे लोगों का ध्यान एलोपैथिक चिकित्सा की तरफ बढ़ने लगा। वह बहुत वैज्ञानिक है और निरंतर अनुसंधान के चलते लोगों का आकर्षण एलोपैथ की तरफ तेजी से हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जो आयुर्वेद में दम है, वह अन्य चिकित्सा पद्धति में नहीं है लेकिन जितना अनुसंधान इस क्षेत्र में होना चाहिए, उतना नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि इस महासम्मेलन में आयुर्वेद पर अनुसंधान की महत्ता एवं गंभीरता को समझते हुए विशेष तौर से चर्चा की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि एलोपैथ का इतना ज्यादा प्रचार हो गया है कि दूसरी चिकित्सा पद्धति में शिक्षित और प्रशिक्षित लोग भी डायवर्ट करते हैं लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि आयुर्वेद हो, यूनानी हो या अन्य जो भी पुरानी और देशी चिकित्सा पद्धतियां हैं, सबकी अपनी अहमियत है।

ऐसे में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति ऐतिहासिक और वैज्ञानिक है। उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोग असहजता महसूस करते हैं कि एलोपैथ वाले डॉक्टर कहलाते हैं और हजारों वर्ष पुरानी चिकित्सा प्रणाली वाले वैद्य। ऐसी फीलिंग मन से निकाल देनी चाहिए और मजबूती का एहसास होना चाहिए क्योंकि एलोपैथ में इलाज से थकने के बाद लोग आयुर्वेद का सहारा लेते हैं इसलिए आपमें ज्यादा दम है।

आयुर्वेद में शिक्षित प्रशिक्षित होने वाली नई पीढ़ी के लोगों से अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसंधान की तरफ भी जरुर ध्यान दीजिएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना का राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज काफी पुराना है, जिसे भारत सरकार ने पहले ही अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के रूप में परिणित करने फैसला लिया है। हमें इस निर्णय से काफी प्रसन्नता है और हमलोग इसके लिए हरसंभव मदद देने के लिए तैयार है जरूरत पड़े तो राज्य सरकार अंशदान भी देगी लेकिन अभी भी इस संदर्भ में कागज पेंडिंग है। प्राकृतिक चिकित्सा भी विलुप्त हो गया था लेकिन गांधी जी जब साउथ अफ्रीका गए तो वहां से लिटरेचर लेकर आये तब इस पर काम शुरू हुआ।

24X7  नई खबरों से अवगत रहने के लिए यहां क्लिक करें ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

two + 1 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।