राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने आज कहा कि समाज के उत्थान और उसके विकास के लिए देश के सभी लोगों को मिलकर रहना होगा और संपूर्ण समाज को आरएसएस बनना होगा।
सरसंघचालक श्री भागवत आज यहां संघ के समागम‘राष्ट्रोदय में बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत ही दुनिया को राह दिखा सकता है।
श्री भागवत ने कहा कि देश में एकता के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे जिसे लेकर षड्यंत्र होते रहे हैं लेकिन हमें एकजुट होना है। उन्होंने कहा कि कट्टर हिंदुत्व यानी कट्टर अहिंसा, कट्टरता उदारता के लिए है।
उन्होंने कहा कि दुनिया भी अच्छी बातों को तभी मानती है जब उसके पीछे कोई शक्ति खड़ हो। दुनिया में कई सम्प्रदाय एक हैं लेकिन वे फिर भी एक नहीं है। हिन्दू एक है और हिन्दुओं को एक होना है यही हमारा धर्म है। उन्होंने कहा कि भारत सम्पूर्ण विश्व को सुख दे सकता है। सारा समाज एकजुट हो, कई प्रकार की बाधाएं पैदा होती हैं। देश में सब लोगों को मिलकर रहना होगा।
मोहन भागवत ने कहा कि राज चलाने के लिए भगवान राम ने अपने घर परिवार को त्याग दिया था लेकिन प्रजा की सेवा करते रहे। संघ की विचारधारा स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि क्या कमाया यह हम नहीं देखते क्या बांटा हम यह देखते हैं।
उन्होंने कहा कि विविधता में एकता एक पंथ संप्रदाय के मूल्य नहीं हैं, सभी संप्रदाय के समान मूल्य हैं सिर्फ दर्शन अलग-अलग हैं और कट्टरता उदारता के लिए है। उन्होंने कहा कि दुनिया अच्छी बातों को तभी मानती है जब उसके पीछे कोई शक्ति खड़ी हो।
सर संघचालक ने कहा कि आदर्श के लिए संस्कार देने पड़ते हैं जो स्वयं के गौरव को नहीं जानता वह उन्नति नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि संपूर्ण दुनिया को समय-समय पर धर्म देने वाला केवल हमारा ही देश है। उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि एक होने के लिए एकसा होना पड़गा। उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुंबकम अकेला भारत जानता मानता और बोलता है।
मोहन भागवत ने कहा कि आदत काम करती है भाषण नहीं, बातें करना आसान है प्रत्यक्ष काम के लिए सामूहिकता चाहिए। उन्होंने कहा कि एक लाख 70 हजार से अधिक स्वयंसेवक सेवा कार्य कर रहे हैं और संकट के समय देशहित में अपनी सेवाएं और आवश्यकता पर अपने प्राण देने के लिए पहले पहुंच जाते हैं। उन्होंने कहा कि आज का यह कार्यक्रम प्रदर्शन के लिए नहीं क्योंकि शक्ति के लिए प्रदर्शन की नहीं प्रयोग की आवश्यकता होती है। संघ समरसता एकता की साधना है और हितैषी के बजाए सहयोगी बनिए।
संघ के इस महा सम्मेलन में जूना अखाड़ के अध्यक्ष स्वामी अवधेशानंद महाराज के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से सभी केंद्रीय मंत्री डा. महेश शर्मा, जनरल वीके सिंह, डा.सत्यपाल सिंह सहित प्रदेश सरकार के मंत्री चेतन चौहान, धर्म सिंह सैनी के साथ सभी सांसद, विधायक एवं अन्य गणमान्य भी मौजूद रहे।
गौरतलब है कि इस समागम में करीब तीन लाख संघ कार्यकर्ताओं ने ऑन लाइन पंजीकरण कराया था। समागम में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ही स्वयंसेवक शामिल हुए। पुलिस की सुरक्षा-व्यवस्था मैदान के बाहर थी। अन्दर की व्यवस्था संघ कार्यकर्ताओं के जिम्मे थी। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ड्रोन की मदद ली गई। इस समागम की तैयारी करीब एक साल से की जा रही थी।
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