बैतूल : बैतूल जिले की सीमा से गुजरने वाले भोपाल-नागपुर फोर लेन पर सोनाघाटी से नागपुर के बीच एन एच ए आई (नेशनल हाइवे अर्थारिटी आफ इंडिया) द्वारा मिलानपुर-चिचण्डा-पाटन सावंगी नागपुर पर नेशनल हाइवे 47 से गुजरने वाले चौपहिया वाहनो से टोल प्लाजा कंपनियां देशद्रोह का काम कर रही है। बैतूल जिले मे भारत सरकार की वायु सेना का एक स्टेशन बोडख़ी है जिससे निकलने वाले वाहनो की नि:शुल्क सूचि में नीजी वाहनो को डिफेंस के नाम पर छोड़ने के गोरखधंधे से किसी बड़ी वारदात की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है।
कश्मीर से कन्याकुमारी को बाय सड़क एवं रेल मार्ग से जोड़ने वाले अखण्ड भारत के केन्द्र बिन्दू बैतूल जिले में फोल लेन क्रमांक 47 से गुजरने वाले अधिकांश नीजी वाहनो जिनमें अधिकांश लक्जरी कारो एवं अन्य चौपहिया लक्जरी वाहन होते है वे अपना प्रेस का या व्ही आई पी का कार्ड दिखा कर टोल बचाने का काम करते है। इन वाहनों को टोल फ्री करने के चक्कर में टोल प्लाजा कंपनियां वाहनों को डिफेंस के नाम पर पासिंग आऊट एण्ड इन करती है। उल्लेखनीय है कि बैतूल जिले की सीमा से लगे ताकू फ्रूफरेंज एरिया रक्षा मंत्रालय का एक उपक्रम है और इसी कड़ी में सीमावर्ती राज्य महाराष्ट्र के नागपुर से लगा कामठी क्षेत्र भी रक्षा मंत्रालय के अधिन है।
ऐसे में रक्षा मंत्रालय के नाम पर टोल प्लाजा का यूं नीजी को टोल फ्री दिखाना कभी भी कोई बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है। सवाल यह भी उठता है कि टोल प्लाजा पर सत्तापक्ष के नेताओं एवं जनप्रतिनिधियों को दी जानी वाली छूट को टोल फ्री दिखाने के लिए डिफेंस की श्रेणी ही क्यों दिखाई जाती है। टोल प्लाजा कंपनी ऐसे वाहनो को डिफेंस के नाम पर छूट देकर रक्षा मंत्रालय की छवि को ही नुकसान पहुंचा रही है। वैसे भी बैतूल जिले में वर्तमान समय में तीन स्टेट हाइवे मार्ग पर स्टेट हाववे अथॉरिटी के तथा एक नेशनल हाइवे सोनाघाटी से पाटन सावंगी के बीच तीन नेशनल हाइवे अर्थारिटी आफ इंडिया के टोल प्लाजा से प्रतिदिन दो हजार से अधिक वाहनों का आना-जाना 24 घंटो में होते रहता है।
अधिकारिक आकड़ो के अनुसार 24 घंटे में पचास वाहनो की डिफेंस केटीगिरी में आऊट एवं इन की पासिंग टोल फ्री के रूप में होती है। रक्षा मंत्रालय के मामले में जब कभी कोई ऐसी घटना जो कि देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ से जुड़ी हो और जब वाहनो की जांच टोल प्लाजा से सीसीटीवी कैमरो के माध्यम से निकाली जाए और उसका मिलाना अंदर के कम्प्यूटर्स फिडींग डाटा से की जाएगी तो पता चलेगा कि उक्तवाहन को डिफेंस के नाम छोड़ा गया था।
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