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कृषि क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनेगा बिहार

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पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में तीसरी कृषि रोड मैप का शुभारंभ कार्यक्रम में अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि बिहार कृषि के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों में शामिल होगी। राज्य में धान, गेहॅू एवं मक्का के अभूतपूर्व उत्पादन से अग्रिम राज्य बन गया है वहीं साग सब्जी के उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं। सब्जी के उत्पादन हेतु प्राईमरी सोसायटी का गठन किया है। जिसे सोसायटी के माध्यम से उत्पादित सब्जी का वितरण मार्केट में सुचारू रूप से किया जा सके।

बिहार ने धान, गेहॅूं एवं मक्का के रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन से चीन को पीछे छोड़ दिया है। राज्य में कृषि रोड मैप को नयी तकनीकी को जमीनी स्तर से मिलाकर बनाया गया है जो गति पकड़ लिया है। राज्य सरकार कृषि मैप को आगे बढ़ाने के लिए चकबंदी की योजना बनायी है। यहां पर लघु किसानों की संख्या ज्यादा होने के कारण कृषि कार्यों में दिक्कतें आ रही है। जब राज्य में चकबंदी होने से खेती का आकार बढ़ जायेगा तो किसानों को पैदावार बढ़ाने में सहूलियत होगी।

राज्य सरकार ने कृषि रोड मैप के तहत डीजल चालित यंत्र के स्थान पर बिजली चालित यंत्र के माध्यम से खेती में सिंचाई की व्यवस्था शुरू की है। एग्रिकल्चर का हर फिडर अलग होगा, जिससे किसानों को तकलीफों से बचाया जा सकता है।  उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यावरण की दृष्टिकोण को देखते हुए जैविक खेती को राज्य सरकार बढ़ावा दे रही है। ताकि पर्यावरण ठीक रहे और किसान का फसल उत्पादन में ज्यादा बढ़ोतरी हो सके। राज्य में पहले आर्सेनिक फार्मिंग व जैविक तौर पर खेती की तो जैविक खेती में फसलों का ज्यादा उत्पादकता बढ़ी।

उन्होंने कहा कि गंगा को अविरल बनाने के लिए राज्य सरकार की एक और कदम आगे बढ़ गयी है। इसके लिए गंगा को जैविक कोरिडोर से जोड़ दिया है। गंगा किनारे सिवरेज प्लांट लगाकर गंगा में गंदी पानी की बहाव को रोक सिंचाई कार्य में लगायेगी। इससे गंदा पानी नदी में नहीं पहुंचेगा, जिससे गंगा की अविरलता बनी रहेगी।

राज्य सरकार ने कृषि क्षेत्र में यांत्रिक प्रयोग को देखते हुए स्थानीय स्तर पर कृषि यंत्र बनाने हेतु उद्योग को प्रोत्साहन दे रही है। राज्य में बड़े पैमाने पर पैक्सों को कम्प्यूटराईजेशन कर दूध अंडा का उत्पादन बढ़ायेगी। ताकि यहां के दूध और अंडे पूरे देश की थाली में पहुंचे। राज्य सरकार ने हरियाली को आगे बढ़ाते हुए 24 करोड़ फलदार वृक्ष लगाने कीयोजना बनायी थी जो इस वर्ष 15 करोड़ पेड़ लगाने में सफलता पायी है।

उन्होंने कहा कि बिहार की खेत इतना उपयुक्त है कि हर तरह के फसल उत्पादन करने में सक्षम है। इसी उत्पादकता को बढ़ाने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर को ठीक करेगी। कृषि रोड मैप का मुख्य वजह किसानों के उत्पादकता के साथ आमदनी को बढ़ाना है। राज्य के 76 प्रतिशत लोग आजीविका के लिए खेती पर ही निर्भर हैं।

इसके लिए राज्य सरकार ने हर भारतीय नागरिकों के थाली में एक व्यंजन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। राज्य में दीघा का दूिधया आम एवं भागलपुर के फजुलिया आम पर प्रसिद्ध था लेकिन दीघा में गृह निर्माण के कारण वृक्ष समाप्त हो गया, इसके लिए राज्य सरकारने बड़े पैमाने पर सरकारी जमीनों पर दुधिया आम लगाने का निर्णय लिया है।

राज्य में कृषि रोड मैप को बढ़ावा देने हेतु 174 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। विशिष्ट अतिथि राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कृषि रोड मैप के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यहां की धरती उर्वरा तो है ही यहां के लोग भी दलीय भावनाओं से ऊपर उठकर काम करते हैं। बिहार बंटवारे के बाद राज्य का अधिकांश भाग झारखंड में चला गया था।

वही शेष बिहार कृषि पर आधारित हो गयी थी। जिसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ए वं उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कृषि वैज्ञानिकों के साथ सामंजस्य स्थ्ज्ञापित कर राज्य को कृषि के क्षेत्र में अग्रणी क्षेत्र मेंलाने का काम किया। कृष्ज्ञि प्राकृतिक संसाधनों में मछली बागवानी मुर्गी पालन मखाना सिंघारा जैसे संसाधनों पर ध्यान देकर आगे बढ़ाया है। कृषि रोड मैप किसानों के आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिकानिभायेगी।

उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि रामनाथ कोविन्द राष्ट्रपति बनने से पहले बिहार के राज्यपाल थे। इन्होंने दलीय भावनाओं से ऊपर उठकर कार्य किया जिससे केन्द्र सरकार ने इन्हें राष्ट्रपति बनाया। उसी समय राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ था। इस अवसर पर कृषि मंत्री डा. प्रेम कुमार, ऊर्जा मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव, जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, उद्योग मंत्री जयकुमार सिंह, ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार, गन्ना मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज आलम, आपदा प्रबंधन मंत्री दिनेश चन्द्र यादव, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल, शिक्ष्ज्ञा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा, सहकारिता मंत्री राणा रणधीर ङ्क्षसह, मंत्री मदन सहनी, मंत्री पशुपति पारस, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, केन्द्रीय मंत्री रामकृपाल यादव, मंत्री विनोद नारायण सिंह, मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि, मंत्री मंजू वर्मा, मंत्री नंदकिशोर यादव, मंत्री मंगल पांडे, सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, डा. नवल किशोर यादव समेत सैकड़ों लोग शामिल थे।

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