दरभंगा : बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति सत्यपाल मलिक ने आज कहा कि भारत को एक विकसित राष्ट्र के रूप में प्रतिष्ठापित करने की महत्वपूर्ण जिम्मेवारी छात्रों के कंधो पर ही है। श्री मलिक ने यहां के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के आठवें दीक्षांत समारोह का उद्घाटन करने के बाद स्वामी विवेकानन्द के आदर्श की चर्चा करते हुए छात्र-छात्राओं से स्वामी जी के विचारों से अनुप्रेरित होकर राष्ट्र के नव-निर्माण के लिए दृढ़ संकल्पित होने का आह्वान किया।
विश्व स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ है और देश का समृद्ध ज्ञान-विज्ञान, कला-साहित्य, परिपक्व प्रजातंत्र, उभरती अर्थ व्यवस्था आदि विश्व-समाज को हमारी ओर आकृष्ट करता है। उन्होंने कहा कि हमारे कौशलपूर्ण मानव संसाधन की मांग पूरी दुनिया में है और हम निरंतर विकास पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, ऐसी परिस्थिति में युवाओं की जिम्मेवारी पहले से और अधिक बढ़ गयी है। राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं का आह्वान करते हुए कहा कि वे अपना लक्ष्य ऊंचा रखकर उसके अनुरूप कठिन परिश्रम करें तभी देश विश्व पटल पर अपनी गरिमा फिर से स्थापित कर सकेगा। पिछले वर्षों में बिहार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली जैसे मूलभूत क्षेत्रों में तेजी से विकास किया है। बिहार में उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था, औद्योगिक विकास आदि कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें हमें अपने विकास प्रयासों को और गति देनी होगी। उन्होंने कहा कि साक्षरता दर, स्वास्थ्य, सकल घरेलू उत्पाद आदि के क्षेत्रों में बिहार राष्ट्रीय औसत से काफी पीछे हैं जो चिंता का विषय है।
श्री मलिक ने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विकास के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये हैं और उसका कार्यान्वयन भी सुनिश्चित किया जा रहा है। उच्च शिक्षा की स्थिति में सुधार के लिए प्रारंभिक तौर पर उठाए गये कदमों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों को आगामी सत्र के लिए ऐकेडमिक कैलेन्डर जारी करने के आदेश दिए गये हैं ताकि समय पर नामांकन, वर्ग संचालन, परीक्षा आयोजन और परिणाम का प्रकाशन संभव हो सके। राज्यपाल ने कहा कि वर्ग में शिक्षकों-छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए बायोमेट्रिक प्रणाली से हाजरी दर्ज कराने तथ सी.सी.टी.वी। लगाये जा रहे है। उन्होंने कहा कि पुराने पाठ्यक्रमों को भी बदलकर आधुनिक ज्ञान-विज्ञान की जरूरतों के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार कराये जा रहे हैं। श्री मलिक ने आधुनिक शिक्षा प्रणाली के अनुरूप अपने को स्थापित करने के उद्देश्य से च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम पहले स्नातकोत्तर एवं फिर स्नातक स्तर पर लागू की जा रही है।
उन्होने कहा कि विश्वविद्यालय विकास में विद्यार्थियों की सहभागिता सुनिश्चित करने एवं सार्थक संवाद विकसित करने के लिए एक समुचित छात्र मंच गठित करने के उद्देश्य से राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव सफलता पूर्वक आयोजित कराये गये हैं। मौके पर शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा ने मिथिला को सांस्कृति धरोहर का केन्द्रबिन्दु बताते हुए कहा कि यहां के छात्र-छात्राएं अपनी प्रतिभाओं को राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय पटल पर रखकर मिथिला का मान बढ़ते रहे हैं और यही कारण है कि आज भी देश के अन्य क्षेत्रों में मिथलांचल के लोगों को बड़ प्रतिष्ठा के साथ देखा जाता है। उन्होंने समृद्ध बिहार की संकल्पना को साकार करने के लिए छात्रों को आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा के क्षेत्रों में आधारभूत संरचना के विकास से लेकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए कई ठोस योजनाओं का क्रियान्वयन किया है।
श्री वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय कार्यक्रम में शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दिया गया है। उन्होंने कहा कि बिहार छात्राओं को स्नातकोत्तर तक उच्च शिक्षा की मुफ्त व्यवस्था की गई है। साथ ही गरीब बच्चों को व्यवसायिक, तकनीकी तथा उच्च शिक्षा का अवसर पैसों के कारण अवरूद्ध न हो इसके लिए स्टूडेन्ट क्रेडिट कार्ड योजना की व्यवस्था भी की गई है। समारोह को रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो0 पंजाब सिंह और ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति डा। सुरेन्द, कुमार सिंह ने भी संबोधित किया। इस मौके पर पूर्व राष्ट्रपति ए0 पी0 जे0 अब्दुल कलाम के सहयोगी एवं सुपर सोनिक फाईटर विमान‘तेजस’के निर्माण में योगदान देने वाले एवं भारत सरकार द्वारा‘पदम्श्री’की उपाधि से सम्मानित मानस बिहारी वर्मा और अंग्रेजी लेखिका डा. प्रतिभा गुप्ता को डी-लिट की उपाधि से सम्मानित किया गया। साथ ही 25 छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।
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