राजस्थान में अलवर के सांसद महंत चांदनाथ का लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 61 वर्ष के थे। महंत चांदनाथ ने कल रात लगभग साढे ज्ञारह बजे दिल्ली के अपोलो अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन की सूचना से अलवर जिला सहित हरियाणा के रोहतक स्थित नाथ सम्प्रदाय के आश्रम में शोक की लहर छा गयी। उनका अंतिम संस्कार आज दिल्ली में किया जायेगा। सांसद चांदनाथ के निधन पर पीएम मोदी और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दुख जताया और ट्वीट किया।
Saddened by the demise of LS MP from Alwar, Mahant Chand Nath ji. He will be remembered for his rich social work. My deepest condolences: PM
— PMO India (@PMOIndia) September 17, 2017
अलवर सांसद श्री महंत चाँदनाथ जी के निधन पर शोक व्यक्त करती हूँ। उनका निधन मेरे और समस्त भाजपा परिवार के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है।
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) September 17, 2017
उनका जन्म 21 जून 1956 को दिल्ली के बेगमपुर में हुआ था। उन्होंने दिल्ली के हिन्दू कॉलेज से बीए ऑनर्स में शिक्षा हासिल करने के बाद डाक्टरेट की उपाघि प्राप्त की। वह घार्मिक मिशनरी, शैक्षिण, सामाजिक कार्यकर्ता और कृषक थे। महंत चांदनाथ 18 साल की उम्र में नाथ साधु बने और हठ योग को प्रोत्साहित करते रहे। उन्होंने विधान जन सेवानाम के लक्ष्य के साथ पचास से अधिक व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के साथ निजी विश्वविधालय की शुरूआत की।
उन्होंने हिन्ट्री आफ मठ अस्थल बोहर, बाबा मस्तनाथ चरित, मस्तनाथ चालीसा, गुरू महिमा, भारत का गौरव और यात्रा के मोती एवं मस्तनाथ वाणी मासिक पत्रिका का प्रकाशन किया। उन्होंने शास्त्राीय एवं आचार्य कोर्सेज को उन्नत करने में महती भूमिका निभाते हुये समस्त भाषाओं के रक्षार्थ सेवारत रहे।
उन्होंने भारतीय कला एवं संस्कृति की रक्षार्थ अनेक मंदिरों का निर्माण करवाया। उन्होंने रोहतक हरियाणा और राजस्थान के हनुमानगढ में चेरिटेबल अस्पताल का संचालन करने के साथ पांच गौशालाओं का संचालन भी किया।उल्लकेखनीय है कि बाबा मस्तनाथ मठ अस्थल बोहर के महंत चांदनाथ योगी ने अस्वस्थ होने के चलते ही गत 29 जुलाई 2017 को रोहतक में अपने उत्तराधिकारी के रूप में बालकनाथ की घोषणा की थी। उस मौके पर बाबा रामदेव और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री सहित कई राज्यों के महंत मौजूद थे।