पटना : चार वर्षों से जब बिहार और देश में दलितों पर अत्याचार हो रहा था तब न तो केन्द्र सरकार और न ही राज्य सरकार उनकी सुधी ली। पिछले 2 अप्रैल को बिहार में पूर्व मुख्यमत्री जीतन राम मांझी और महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव विधानसभा से लेकर सड़क तक आन्दोलन में कूदे तब नीतीश कुमार को दलितों की याद आयी। ये बातें आज हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ई. अजय यादव ने कहा।
उन्होंने कहा कि दलित और देशव्यापी हमले एवं अत्याचार को देखकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने अपने मंत्रियों एवं सांसदों को दलित समुदाय के घरों में भोजन करने का फरमान जारी किया। उनके पार्टी के नेता दलितों का माखौल उड़ा रहे थे। आज दलितों के साथ उनके घर में होटल से खाना मंगा कर खाना खाते हैं और मुंह में रूमाल बांधकर जाते हैं।
आज बाबा साहब के लोग दलित हैं इतना बुर्बक नहीं हैं कि वे मोदी के विचारों में आ जायेगे। दलित भाई देख रहे है कि केवल हमें बरगला रहा है और मुझे नीचा दिखाने की कोशिश कर रहा है। आने वाला लोकसभा चुनाव में पूरे देश की दलित एनडीए सरकार से दूरी बना लिया है। क्योंकि दलितों को रोटी-कपड़ा मिलना चाहिए वह आज कहीं नहीं मिल रहा है। केवल कुछ दलित के घरों में खाना खाने से कुछ नहीं होने वाला है।
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