छत्तीसगढ़ के चुनावी मिशन में जुटी रमन सरकार के साथ सत्ताधारी दल अब नए सिरे से इस पर फोकस करेगी। राज्य में विभिन्न वर्गों के लिए राहत का पिटारा खोलने के बाद यह भी तय हो गया है कि चुनाव मुख्यमंत्री रमन सिंह की अगुवाई में ही होंगे। प्रदेश में चुनाव से पहले नेतृत्व परिवर्तन होने की संभावना अब खत्म हो गई है। जाहिर है कि भाजपा हाईकमान ने एक तरह से मुख्यमंत्री के नेतृत्व पर मुहर लगाई है। इस मामले में मुख्यमंत्री के चेहरे को आगे रखकर ही भाजपा चुनावी समर में उतरेगी।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आगामी माह फिर राजधानी में मिशन की गतिविधियां आगे बढ़ाएंगे। राज्य में सत्ताधारी दल के नेताओं के बयानों के बाद से ही इस मामले में अटकलों ने जोर पकड़ा हुआ था। मुख्यमंत्री के साथ प्रधानमंत्री के चेहरे को सामने रखकर चुनाव लडऩे के दावे भी हुए थे। भाजपा के प्रदेश प्रभारी अनिल जैन की मौजूदगी में संगठन की बैठक में उन्होंने खुद मुख्यमंत्री के नेतृत्व को हरी झंडी दे दी। इसके बाद तय हो गया कि प्रदेश भाजपा में चेहरा नहीं बदलेगा। चुनावी मिशन के दौर में मुख्यमंत्री के मुकाबले भाजपा के पास कोई चेहरा भी नजर नहीं आता। कुछ वरिष्ठ मंत्रियों के नाम की चर्चा जरूर होती रही, लेकिन मंत्रियों के भी बड़े भ्रष्टाचार के मामलों में घिरने के बाद से ही इस पर विराम लग गया।
वहीं विरोधी दौड़ में पीछे हो गए हैं। विधानसभा चुनाव को लेकर पहले भी 3 बार रमन सिंह के चेहरे को आगे रखकर समर में उतरने का फायदा सत्ताधारी दल को मिलता रहा है। इस बार सत्ता और संगठन के बीच बेहतर तालमेल के साथ इसे आगे बढ़ाने की कोशिश हो रही है। राज्य में नए सिरे से चुनावी मिशन की गतिविधियों ने जोर पकड़ा हुआ है। वहीं प्रभारी की हरी झंडी के बाद असमंजस की स्थिति भी खत्म हो गई है।