रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कांग्रेस की उस मांग पर चुटकी ली हैं, जिसमें चुनाव आयोग के समक्ष कहा गया है कि 23 मार्च को होने वाले राज्यसभा चुनाव के निर्वाचन में संसदीय सचिवों के मताधिकार पर रोक लगाई जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह मजाक का विषय हो सकता है, कांग्रेस के पास कोई दूसरा मुद्दा बच नहीं गया है। लिहाजा ऐसे विषयों को उठाया जाता है, जिनका कोई औचित्य ही नहीं बचा है। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि संसदीय सचिवों का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इस पर फैसला जब आएगा, तब आएगा। किसी भी तरह से इस मुद्दे को उठाना उचित नहीं है, जब-जब इस तरह से मतदान की स्थिति बनी है बीजेपी को ही अतिरिक्त वोट मिले हैं।
23 मार्च को होने वाले निर्वाचन की प्रक्रिया के दौरान भी बीजेपी को ही अतिरिक्त वोट मिलेंगे। रमन ने कहा कि पिछली बार भी राज्यसभा निर्वाचन के दौरान बीजेपी को अतिरिक्त वोट मिला था।मतदान के बाद उन्हें भी वास्तविक स्थिति समझ आ जाएगी। गौरतलब है कि राज्यसभा चुनाव के लिए बीजेपी की उम्मीदवार सरोज पांडेय की ओर से भरा गया चार सेटों के नामांकन फार्म में से हर सेट में संसदीय सचिव प्रस्तावक बने हैं।
कांग्रेस की दलील है कि दिल्ली की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी संसदीय सचिवों की नियुक्ति अवैध ठहराकर विधायकों की सदस्यता खत्म की जानी चाहिए। चूंकि यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है, लिहाजा जब तब इस पर फैसला नहीं आ जाता। ऐसे विधायक जिनकी संसदीय सचिवों के तौर पर नियुक्ति की गई है।उनके मताधिकार पर रोक लगाई जाए।
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