बिहार में महागठबंधन राजनीतिक उठापटक का दौर लगातार जारी है सत्ताधारी गठबंधन JDU-RJD में सुलह की कोशिश नाकाम हो गई हैं । गठबंधन के बने रहने के लिए लालू के फॉर्मूले को नकार दिया गया है वही तेजस्वी यादव ने तमाम आरोपों के बाद लगातार दबाव के बीच इस्तीफा देने से इनकार किया है माना जा रहा है कि उसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नए सिरे से इस मुद्दे को सुलझाने में जुटे हैं। वही महागठबंधन में जारी तनाव के बीच के.सी.त्यागी ने कहा कि डिप्टी तेजस्वी यादव को अपने जवाब से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संतुष्ट करना ही पड़ेगा । वही राष्ट्रपति चुनाव के बाद नीतीश कुमार ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कांग्रेस का रुख किया है।
इस खींचतान और तनातनी के बीच आज शाम कैबिनेट की बैठक हैं । शाम के 6 बजे से होने वाली कैबिनेट की इस बैठक पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं । लेकिन बैठक में इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रतिनिधियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दी गई है ।
इस बैठक को महागठबंधन के भविष्य को लेकर उठ रहे सवालों को ले कर भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है सबसे बड़ा सवाल है बैठक में तेजस्वी यादव के शामिल होने को ले कर है पिछले दिनों एक सरकारी कार्यक्रम में जिस तरह से पहले तेजस्वी यादव की नेमप्लेट वाली कुर्सी को पहले ढंका गया था और बाद में तेजस्वी यादव उस कार्यक्रम में आये ही नहीं थे उसको लेकर ये स्पष्ट हो गया था कि नीतीश-तेजस्वी एक दूसरे से दूरी बनाने लगे हैं ।
आपको बता दे कि तेजस्वी यादव के इस्तीफे को लेकर लालू यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों में से कोई झुकने को तैयार नहीं हैं कांग्रेस की मध्यस्थता बेअसर है दोनों नेता अब तक बैठने को तैयार नहीं हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कि लालू यादव तेजस्वी यादव के इस्तीफे के बाद RJD के सभी मंत्री का इस्तीफा दिलाने और सरकार को बाहर से समर्थन देने को कह रहे पर नीतीश इसपर राज़ी नहीं है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चाहते हैं कि सिर्फ तेजस्वी यादव इस्तीफा दें। हालांकि, नीतीश कुमार ने खुद कभी तेजस्वी यादव से इस्तीफा मांगा नहीं है। वही लालू का कहना है कि वीरभद्र सिंह के खिलाफ भी FIR है उसने इस्तीफा नहीं तो तेजस्वी यादव का क्यों? मामला फिर से फंस गया है। अब नीतीश को फैसला लेना है।