कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो कल सात दिन की भारत यात्रा पर आ रहे हैं। उनकी इस यात्रा से पहले इसी सप्ताह दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) की यहां बैठक हुई है जिसमें रक्षा और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के लिए सहयोग बढ़ाने के अलावा व्यापार और निवेश संबंधों को विस्तार देने पर चर्चा हुई। दोनों राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने ट्रूडो और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बैठक से पहले उनके लिए रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्रों में दोरों देशों के पारस्परिक संबंधों के विस्तार की भूमिका तैयार की।
कनाडा के राजनयिक सूत्रों ने संकेत दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में संभवत: कनाडा के कई हिस्सों में बढ़ते सिख अतिवाद को लेकर भारत की चिंता पर भी चर्चा हुई। दोनों देशों के बीच लंबे समय से वृहद आर्थिक भागीदारी समझौता अटका हुआ है। सूत्रों ने कहा कि भारत में कनाडा का निवेश उचित संरक्षण के अभाव में घट सकता है।
सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों के अन्य वार्ताकारों की पिछले सप्ताह बैठक हुई, जिसमें इन अड़चनों को दूर करने और आगे बढ़ने पर विचार विमर्श हुआ। सूत्रों ने कहा कि मोदी-ट्रूडो की बैठक में भी इन मुद्दों पर विचार विमर्श हो सकता है। ट्रूडो प्रधानमंत्री के रूप में अपनी पहली भारत यात्रा पर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ एक साल के दौरान भारत में कनाडा का निवेश 15 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। मुक्त व्यापार करार से वहां के और भी निवेशक भारत में निवेश करने को अधिक इच्छुक होंगे।
सूत्रों ने कहा कि कनाडा के कई पेंशन कोष भी भारत में निवेश के इच्छुक हैं। सूत्रों ने कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा का मकसद दोनों देशों के कुल संबंधों को और विस्तार देना है। विशेषरूप से दोनों देश रक्षा और सुरक्षा, आतंकवाद से निपटने में सहयोग, व्यापार और निवेश तथा जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने को लेकर विचार विमर्श करेंगे।
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