श्योपुर : शहर के आंतरिक एवं बाहरीमुख्य सड़क मार्गों पर यातायात के बढते दवाब के बीच आवारा जानवरों का स्वच्छद विचरण दुर्घटनाओं को बढावा दे रहा है, लेकिन जिम्मेदार अफसर यह सब जानते हुए भी अनजान बने हुए हैं। ऐसा लगता है कि सड़कों पर नगर पालिका प्रशासन का नहीं,
बल्कि मवेशियों का राज चल रहा हो! शहर सहित पालीरोड, बडौदा रोड, शिवपुरी रोड पर इन दिनों आवारा जानवरों की धमाचौकडी आसानी से देखी जा सकती है। रात के वक्त इनकी संख्या जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है और वे फैल-फूटकर सडकों पर ऐसे बैठ जाते हैं, मानो यह सड़क नहीं, बल्कि उनका बाडा हो।
सडकों पर मवेशियों की बनी रहने वाली मौजूदगी लोगों के लिए खासी असुविधा का कारण बन रही है। कई दफा उक्त जानवर सड़क दुर्घटनाओं का कारण भी बनते हैं। सुबह एवं रात के वक्त कलेक्ट्रेट से लेकर गुलम्बर तक तथा गुलम्बर से लेकर सलापुरा नहर तक आवारा जानवरों की मौजूदगी बहुतायत में देखी जा सकती है।
चूंकि श्योपुर-शिवपुरी हाइवे मार्ग है, इसलिए चार पहिया वाहन निर्धारित स्पीड से भी अधिक गति से चलते हैं। ऐसे में सडकों पर बैठने वाले मवेशी वाहन को कभी भी दुर्घटनाग्रस्त कर देते हैं। गौरतलब है कि लावारिश मवेशी के स्वच्छंद विचरण पर नियंत्रण का जिम्मा नगर पालिका प्रशासन का होता है,
किन्तु इस समस्या को लेकर कोई ठोस कार्ययोजना नगरीय निकाय द्वारा नहीं बनाई गई है, जिससे सड़क पर स्वच्छंद विचरण करने वाले आवारा जानवरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इनका कहना है : रात के वक्त शहर की सडकों पर बैठने वाले मवेशियों की संख्या खासी बढ़ जाती है,जिसमें सबसे अधिक गायें होती हैं। मवेशियों के सडकों पर बैठने से वाहन दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। नगर पालिका को आवारा मवेशियों को कांजी हाउस में बंद करना चाहिए।
अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें।