केंद्र सरकार ने कावेरी जल बंटवारे के फैसले को लागू करने को लेकर योजना तैयार करने के सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट से और समय मांगा है। सरकार ने आज शीर्ष कोर्ट में कहा कि योजना का मसौदा तैयार करने के लिए उसे और वक्त चाहिए क्योंकि प्रधानमंत्री सहित कैबिनेट मंत्री सभी कर्नाटक चुनाव में व्यस्त हैं। सुप्रीम कोर्ट पहले ही कावेरी जल बंटवारे के फैसले को लागू करने के लिए योजना तैयार न करने पर केंद्र सरकार को पहले ही चेता चुका है। इस मामले की अगली सुनवाई 8 मई को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कर्नाटक में चुनाव हैं तो ये चिंता की बात नहीं है।
कर्नाटक को अप्रैल और मई में तमिलनाडू को पानी देना चाहिए। इस संबंध में कर्नाटक सरकार अगले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में जानकारी दे कि उसने कितना पानी छोड़ा है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री और कैबिनेट कर्नाटक विधानसभा चुनावों में व्यस्त हैं इसलिए ड्राफ्ट अभी स्वीकृत नहीं हो सका है। दरअसल इससे पहले अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को विवाद का हल निकालने के लिए योजना बनाने का निर्देश दिया था।
साथ ही कावेरी से तमिलनाडु को मिलने वाले 192 टीएमसी पानी को घटाकर 177.25 टीएमसी कर दिया गया था। जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने कावेरी जल विवाद को निपटाने के लिए केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि वह कावेरी नदी के पानी के प्रबंधन के लिए कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड का गठन करे। शीर्ष कोर्ट के फैसले के बावजूद केंद्र सरकार ने कावेरी मैनेजमेंट का बोर्ड का गठन नहीं किया। इसके लिए सरकार को तमिलनाडु के लोगों का काफी विरोध झेलना पड़ रहा है।
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