लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

सेंटर ऑफ एक्सिलेंस अपने आप में यूनिक बने

NULL

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज जल संसाधन भवन अनीसाबाद में सेंटर ऑफ एक्सिलेंस के अंतर्गत गणितीय प्रतिमान केंद्र का उद्घाटन किया। आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं सबसे पहले जल संसाधन विभाग को विश्व बैंक की सहायता से बनने वाले इस उपयोगी केंद्र के निर्माण के लिए बधाई देता हूॅ। कार्यक्रम के पूर्व एक संक्षिप्त प्रेजेंटेशन की प्रस्तुति मेरे समक्ष की गई, जिसमें मैथेमेटिकल मॉडलिंग सेंटर का स्वरुप क्या है, इसका काम क्या है, इन सब चीजों के बारे में जानकारी दी गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2007 में जो बाढ़ आयी थी, जिसमें 22 जिलों की ढाई करोड़ आबादी प्रभावित हुई थी। वर्ष 2008 में कोसी की त्रासदी ने मधेपुरा, सुपौल और सहरसा को बहुत प्रभावित किया था। हाल ही में भीषण बाढ़ आई थी, जिसमें अररिया, किशनगंज में बड़े पैमाने पर आबादी प्रभावित हुई थी। इन इलाकों में बड़ी बर्बादी हुई थी।

वर्ष 2008 में हुई बाढ़ त्रासदी के बाद मेरे अनुरोध पर वर्ल्ड बैंक ने तीन से चार माह के अंदर ऋण देने का निर्णय किया, जिससे बाढ़ प्रभावितों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था के साथ-साथ बाढ़ आकलन के लिए एक नया तंत्र विकसित किया जा सका। ऐसा कोई सिस्टम नहीं था, जो पहले से बाढ़ का आकलन कर सके। अब यह मैथेमेटिकल मॉडलिंग सेंटर मूर्तरुप ले चुका है, जिसमें वर्ष 2018 के साथ-साथ आगे के भी आंकड़ों के संकलन को रखा जाएगा।

पहले के 10 वर्ष के आंकड़ों के द्वारा भी ये लोग आकलन करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि किन जगहों पर बांध कमजोर है, कहां ज्यादा बर्बादी होगी, किन जगहों पर पानी का फैलाव होगा, इन सबका पहले से आकलन करने से काफी सहुलियत होगी। इस सेंटर के माध्यम से रिवर सिस्टम की भी जानकारी मिलेगी, जिसमें शुरु में कोसी और बागमती का आकलन किया जाएगा, बाद में अन्य नदियों का। कोसी नदी में सबसे ज्यादा सिल्ट की समस्या है।

उन्होंने कहा कि इन नदियों के साथ-साथ गंगा नदी पर भी अध्ययन किया जाना चाहिये। भागलपुर के 25 किलोमीटर तक अप स्ट्रीम और डाउन स्ट्रीम के आंकड़े इनके पास उपलब्ध हैं, जिसके आधार पर यह विश्लेषण किया जाएगा कि फरक्का बराज के कारण गंगा में कितना सिल्ट जमा होता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में केंद्र सरकार ने गंगा की अविरलता के लिए एक कमेटी बनाई है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से इनलैंड वाटर-वे के बारे में चर्चा हुई थी। मैंने कहा कि इसके लिए गंगा नदी का फ्लो ठीक करना होगा। गंगा की निर्मलता के साथ-साथ अविरलता जरुरी है।

गंगा नदी के अप स्ट्रीम उत्तराखंड, उतर प्रदेश में स्ट्रक्चर के बनने से नेचुरल फ्लो बाधित हुआ है। बिहार में 400 क्यूमेक्स पानी आना है और बिहार से फरक्का को 1600 क्यूमेक्स पानी देना है लेकिन चौसा के पास 400 क्यूमेक्स पानी नहीं पहुंच पाता है। पानी का नॉर्मल फ्लो नहीं होने के कारण सिल्ट डिपॉजिट होता है। फरक्का बराज की डिजाइन के कारण भी पूरा सिल्ट नहीं निकल पाता है, इसको जानने और समझने की जरुरत है।

जहां तक गंगा नदी के अध्ययन का प्रश्न है तो सबसे पहले फरक्का बराज से अप स्ट्रीम के 140 किलोमीटर तक जो आपके पास उपलब्ध आंकड़े हैं, उसके आधार पर विश्लेषण कीजिए। सुपौल के वीरपुर में फिजिकल मॉडलिंग सेंटर का निर्माण कराया जा रहा है। मैथेमेटिकल मॉडलिंग सेंटर के माध्यम से ये बात बतायी गई है कि शुरुआत में कोसी और बागमती नदी का अध्ययन किया जाएगा। आज हमलोगों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि आखिर यह नौबत क्यों आती है। इसके लिए निरंतर अध्ययन करने की जरुरत है।

मैथमेटिकल मॉडलिंग सेंटर के आंकड़े इक-। होने और उसके विश्लेषण के बाद इन सभी चीजों में सफलता मिलेगी। नेचुरल फ्लो और पर्यावरण को जोड़कर देखने की जरुरत है। सेंटर ऑफ एक्सिलेंस इसका सही नाम है और इसका काम भी सही होना चाहिए। यह सेंटर अपने आप में यूनिक बने। मुख्यमंत्री का स्वागत प्रधान सचिव, जल संसाधन अरुण कुमार सिंह ने पुष्प-गुच्छ और प्रतीक चिन्ह भेंटकर किया।

इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और ऊर्जा तथा निबंधन एवं मद्य निषेध मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, विश्व बैंक के परामर्शी डा. सत्यप्रिय, जल संसाधन के तकनीकी परामर्शी ई. इंदू भूषण, जल संसाधन विभाग के अभियंता प्रमुख अरुण कुमार, जिलाधिकारी कुमार रवि, इंजीनियर, विशेषज्ञ एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

अधिक जानकारियों के लिए बने रहिये पंजाब केसरी के साथ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

4 × four =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।