केन्द्रीय मंत्रिमंडल में छत्तीसगढ़ को प्रतिनिधित्व मिलने की संभावनाएं कम हो गई हैं। राज्य में पहले से ही एक सांसद को मंत्रिमंडल में जगह मिली है। वहीं दूसरी ओर एक और सांसद को कैबिनेट में लिए जाने की अटकलें लगाई जा रही थी। इसके बावजूद दिल्ली से जिस तरह के संकेत मिल रहे हैं, इससे साफ हो गया है कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल में छत्तीसगढ़ को अब और जबह नहीं मिल पाएगी। राज्य से फिलहाल आदिवासी वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद विष्णुदेव साय को पहले ही जगह दी जा चुकी है।
इसके बावजूद प्रदेश में 11 में से 10 सांसदों की जीत के बाद तय माना जा रहा था कि राज्य से एक और सांसद को मंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि प्रदेश से आठ बार के वरिष्ठ सांसद रमेश बैस को शुरू से ही जगह नहीं मिल पाई है। जबकि वे केन्द्र मंत्री बनने की दिशा में शुरू से ही प्रयासरत थे। इसके बावजूद सूत्रों का दावा है कि मौजूदा केबिनेट राज्यमंत्री विष्णुदेव सायं को पदोन्नत कर कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है। इधर मुख्यमंत्री रमन ङ्क्षसह ने केन्द्रीय कैबिनेट में राज्य से एक और मंत्री बनाए जाने पर जोर दिया है।
हालांकि राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को परास्त करने वाले सांसद चंदूलाल को जगह मिलने के कयास लगाए जा रहे थे। इसके बावजूद कम अनुभवी होने की वजह से उन्हें बाहर होना पड़ा है। इससे पहले पूर्ववर्ती एनडीए की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में प्रदेश से तीन मंत्री शामिल किए गए थे। इनमें खुद मौजूदा मुख्यमंत्री रमन ङ्क्षसह के अलावा रमेश बैस एवं स्व. दिलीप सिंह जूदेव केन्द्रीय मंत्री बनाए गए थे। इधर प्रदेश में आठ आर.के. वरिष्ठ सांसद रमेश बैस को भी बनाए जाने का समर्थकों ने दबाव बनाया हुआ है। बैस ने खुद दिल्ली के स्तर पर लाङ्क्षबग की है। हालांकि बैस के पक्ष में अब तक कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिले हैं। इसके बावजूद इस बार भी प्रदेश को कम प्रतिनिधित्व में ही संतुष्ट होना पड़ सकता है।