श्योपुर : प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जाने वाला चंबलएक्सप्रेस-वे साकार रूप लेता नजर आ रहा है। मप्र सड़क विकास प्राधिकरण (एमपीआरडीसी) ने चंबल नदी से करीब डेढ किमी पहले एक्सप्रेस-वे के तीन रूट एलाइनमेंट (सेंट्रल लाइनऑफ द रोड यानि मार्गरेखा) प्रस्ताव मंजूरी के लिए भूतल परिवहन मंत्रालय को भेजे हैं। यहां से मंजूरी मिलते ही रोड निर्माण की दिशा में काम शुरू हो जाएगा। 300 किमी लंबे इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर 840 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
साथ ही श्योपुर, मुरैना एवं भिंड जिले के113 गांव विकास के पथ पर अग्रसर होंगे। दरअसल इस एक्सप्रेस के रूट एलाइनमेंट का सर्वे पिछले पांच महीनेसे चल रहा था। कडी मशक्कत के बाद एमपीआरडीसी ने रूट एलाइनमेंट का प्रस्ताव तैयार कर केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय को भेज दिया है। खास बात यह है कि इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से न केवल एक सैकडासे अधिक गांवविकास की मुख्यधारा से जुडेंगे, बल्कि 5 हजार लोगों को रोजगार के अवसर मिलने की भी संभावना है।
100 मीटर चौड़ाई के चंबल एक्सप्रेस-वे के किनारे-किनारे व्यावसायिक गतिविधियों को विकसित करने के साथ-साथ मानकों के अनुरूप लॉजिस्टिक पार्क, औद्योगिक केंद्र, कृषि उत्पाद केंद्र, खाद्य प्रसंस्करण केंद्र बनाए जाएंगे। जबकि एक्सप्रेस-वे के समानांतर स्कूल, अस्पताल, मनोरंजन केंद्र, रिसॉर्ट व स्मार्ट सिटीभी बसाई जाएंगी। इन गतिविधियों के चलते अंचल के युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
एक्सप्रेस-वे तैयार करने के लिए 25000 हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी, जिसमें से 50 फीसदी जमीन सरकारी उपलब्ध है। शेष किसानों की जमीन उपलब्ध करानेका काम सड़कविकास निगम पूराकरेगा। एक्सप्रेस-वे बनाने के लिए बीहड़ी मिट्टी की पड़ताल के बाद तथ्य सामने आए हैं कि मिट्टी पॉजीटिव है।
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