नई दिल्ली : देश में इन दिनों पेट्रोल के दामों को लेकर मोदी सरकार निशाने पर है। दरअसल, पेट्रोल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अब इसे लेकर पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा है कि पेट्रोल, डीजल के दाम अगले महीने दिवाली तक नीचे आ सकते हैं। कीमत में दैनिक आधार पर समीक्षा के बाद तेल कीमतों में तीव्र वृद्धि को लेकर विपक्षी दलों की आलोचना के बीच उनकी यह टिप्पणी आई है। सरकार ने हाल ही में ईंधन के दाम की दैनिक आधार पर समीक्षा करने की मंजूरी दी है। थोड़े समय के लिए यहां आए प्रधान ने कहा, ईंधन के दाम दिवाली तक नीचे आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका में बाढ़ के कारण तेल उत्पादन 13 प्रतिशत कम होने के कारण रिफाइनरी तेल के दाम मजबूत हुए हैं।
यूएस में बाढ़ की वजह से बिगड़े हालात
पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों को लेकर सरकार की लगातार आलोचना हो रही है। विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। मंगलवार को प्रधान ने कहा कि अमेरिका में बाढ़ की वजह से तेल उत्पादन में 13 फीसदी की कमी आई है। इसकी वजह से रिफाइनरी तेल के दाम मजबूत हुए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि दिवाली तक पेट्रोल-डीजल के दाम कम हो जाएंगे।
तेल कंपनियों को नहीं दिया जा रहा ज्यादा मार्जिन
तेल कंपनियों को ज्यादा मार्जिन दिए जाने के आरोप पर उन्होंने कहा कि तेल कंपनियों का संचालन सरकार कर रही है और हर चीज बिल्कुल साफ है। उन्होंने कंपनियों को ज्यादा मार्जिन दिए जाने के आरोप से इनकार किया।
जीएसटी के तहत आए पेट्रोल-डीजल
प्रधान ने एकबार फिर पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के तहत लाने की बात कही। उन्होंने कहा कि अगर ये ईंधन जीएसटी के तहत आ जाते हैं, तो आम लोगों को काफी ज्यादा फायदा पहुंच सकता है। सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतें रोज तय करने का नियम अपनाया है। इसके तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में बदलाव होने पर देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी तुरंत बदलाव किया जाता है।
रोज बदलता है पेट्रोल-डीजल का प्राइस
धर्मेंद प्रधान ने रोज प्राइस बदलने का समर्थन करते हुए कहा था कि इससे आम लोगों को फायदा पहुंचेगा। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें घटने के बाद भी इसका फायदा ग्राहकों को नहीं मिला और पेट्रोल व डीजल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इसके लिए सरकार की तरफ से लगाया जा रहा टैक्स जिम्मेदार माना जा रहा है।