जिला जेल से शुक्रवार को दिनदहाड़े चार कैदी फरार हो गए लेकिन पुलिसकर्मियों ने समय रहते उन्हें दोबारा दबोच लिया। शनिवार को ये जानकारी पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप ने दी। उन्होंने कहा कि ये चारों ही नक्सली संगीन जुर्म की सजा काट रहे थे। इनके भागने की खबर लगते ही पूरा पुलिस विभाग सक्रिय हो गया।
पुलिसकर्मियों की सक्रियता के चलते ये भागने में कामयाब नहीं हो सके और जल्दी ही इन्हें दोबारा सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया। इसके बाद पुलिस विभाग के अधिकारियों ने राहत की सांस ली। जेल प्रशासन ने भी इसकी पुष्टि की है। दंतेवाड़ा जेल की सुरक्षा में सेंध की ये कोई नई घटना नहीं है।
इससे पहले 16 दिसंबर 2007 को भी 300 कैदी जेल से भाग गए थे। उस समय 150 नक्सलियों और उनके समर्थकों सहित 300 से अधिक कैदी जेल कर्मियों पर हमला कर फरार हो गए थे। इस मामले में देश भर में जेल प्रशासन की काफी किरकिरी हुई थी। पुलिस प्रशासन पर सवालिया निशान खड़े किए गए थे। इसके बाद भी आज दोबारा चार कैदियों के भागने से जेल में सुरक्षा की पोल खुल गई है। हालांकि कैदियों के भागने के समय की जानकारी नहीं मिल पाई है।