लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

डोकलाम विवाद के बाद लद्दाख सीमा के पास पुल बनाने लगी चीनी सेना

NULL

एक ओर भारत और चीनी सेना के बीच पिछले करीब दो महीनों से सिक्किम सीमा के पास डोकलाम में गतिरोध जारी है। और वहीं दूसरी चीन ने भारत के लिए एक और चुनौती पैदा कर दी है। मौजूदा मामले में चीनी सेना ने अब नो मैन लैंड सीमा (एलएसी) यानि की लद्दाख के पास पुल बनाने का काम शुरू कर दिया है। इस मामले में सुरक्षा एजेंसियों ने चाइना के रुख पर तंज कसा है। एक न्यूज चैनल की खबर के मुताबिक मामले में लद्दाख ऑटोनोमस हिल डेवलपमेंट परिषद के चीफ एक्जीक्यूटिव काउंसिलर डॉ. सोनल दावा लोपो ने कहा है कि कि यह मुद्दा सरकार के सामने उठाया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार को इस पुल निर्माण के विषय में जल्द से जल्द आपत्ति जतानी चाहिए।

गौरतलब है कि जून महीने के दूसरे हफ्ते में भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना की तरफ से डोकलाम क्षेत्र में बनाई जा रही सड़क के निर्माण पर आपत्ति जताते हुए उसे रोक दिया था। यह इलाका भारत- चीन के सिक्किम सेक्शन के नजदीक आता है। साथ ही भारत ने चीन पर भूटान सहित तीनों देश के बीच आने वाले तिराहे को बदलने का आरोप लगाया। हालांकि दूसरी तरफ बीजिंग ने भी नई दिल्ली की आलोचना करते हुए कहा था कि भारतीय सैनिक चीन क्षेत्र में दखल देके शांति भंग करने का प्रयास कर रहे हैं। चीन को इस सुरंग से लगने लगा डर : चीन की संदिग्ध गतिविधियों के बीच भारत ने बड़ा कदम उठाते हुए लद्दाख से सटे सीमांत इलाकों की किलाबंदी शुरू कर दी है। रोहतांग टनल के बाद रक्षा मंत्रालय अब मनाली.लेह सामरिक मार्ग में आने वाले 16 हजार फीट ऊंचे बारालाचा दर्रा के नीचे से भी सुरंग बनाने की तैयारी में है। लद्दाख में चीन की अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक जाने वाले मनाली-लेह मार्ग को साल भर वाहनों की आवाजाही के लिए खुला रखने के लिए बारालाचा दर्रा के नीचे सुरंग बनाना बेहद जरूरी है। बता दें कि सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण मनाली-लेह मार्ग करीब छह महीने तक बंद हो जाता है। ऐसे में इस दौरान लद्दाख में सेना की रसद सप्लाई हवाई सेवा से ही संभव हो पाती है।

दरअसल मार्ग के महत्व को देखते हुए रक्षा मंत्रालय ने बारालाचा के नीचे करीब 13 किमी लंबी सुरंग बनाने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। बीआरओ दीपक प्रोजेक्ट के मुख्य अभियंता मोहन लाल ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि सब कुछ ठीक रहा तो इसी साल बारालाचा सुरंग की फिजिबिलिटी रिपोर्ट पर काम शुरू हो जाएगा। जानकारी के मुताबिक कारगिल युद्ध के दौरान मनाली-लेह मार्ग सेना के लिए लाइफ लाइन साबित हो चुकी है। रोहतांग सुरंग बनने के बाद भी भारतीय सेना सर्दियों में लद्दाख क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक नहीं पहुंच सकती है। मुख्य अभियंता मोहन लाल के अनुसार सीमा तक आसानी से पहुंचने के लिए पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में करीब आधा दर्जन और सुरंगों का निर्माण पाइप लाइन में है। बताया जा रहा है कि बारालाचा दर्रा में सुरंग बनने से मनाली-लेह मार्ग की दूरी घटने से सेना को बॉर्डर तक जाने में बहुत कम वक्त लगेगा। इतना ही नहीं कारगिल तक पहुंचने के लिए शिंकुला दर्रा में भी करीब 3 किमी. लंबी सुरंग बनाने की योजना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

seventeen + sixteen =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।