कैंब्रिज ऐनालिटिका की ओर से किए डाटा लीक के मामले की आंच भारत तक पहुंच रही है। कैंब्रिज एनालिटिका द्वारा लोगों की निजी जानकारियों से संबंधित डाटा लीक मामले पर तमाम बड़े दल आपस में भिड़ गए हैं। भाजपा, कांग्रेस और जेडीयू पर इस कंपनी की सेवाएं लेने के आरोप लग रहे हैं। तो कांग्रेस और भाजपा तो एक दूसरे पर बेहद आक्रमक हो चुके हैं और एक दूसरे पर इस कंपनी की सेवाएं लेने के आरोप लगा रहे हैं। वहीं इस बीच जेडीयू नेता केसी त्यागी के बेटे अमरीश त्यागी का नाम भी इस कंपनी से जोड़ा जा रहा है।
लेकिन केसी त्यागी ने इन खबरों का खंडन करते हुए कहा कि कि मेरे बेटे की कंपनी और कैम्ब्रिज एनालिटिका के बीच सिर्फ कामकाज का संबंध है, यहां किसी तरह का फाइनेंसियल लेन-देन या शेयर होल्डिंग नहीं है। उन्होंने कहा कि सबकुछ जांच के लिए खुला है. जेडीयू का इससे कोई लेना-देना नहीं है और न ही 2010 के चुनावों में उन्होंने हमारे लिए प्रचार किया।केसी त्यागी ने यह भी कहा है कि कैम्ब्रिज एनालिटिका या इसके सीईओ से न तो मेरी और न ही नीतीश कुमार ने मुलाकात की है. जेडीयू एक सोशलिस्ट पार्टी है और हम ऐसी चीजों से दूर रहते हैं।
जानिए ! अमरीश त्यागी और हिमांशु शर्मा कौन हैं ?
वरिष्ठ नेता केसी त्यागी का नाम इस मामले आने की वजह उनके बेटे अमरीश त्यागी है। अमरीश ओवलीनो बिजनेस इंटेलिजेंस (ओबीआई) प्राइवेट लिमिटेड के एमडी है. यह भारत में क्रैम्ब्रिज एनालिटिका एससीएल इंडिया से जुड़ा है। इसकी वेबसाइट के मुताबिक यह लंदन के एससीएल ग्रुप और ओवलीनो बिजनेस इंटेलिजेंस (ओबीआई) प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर काम करती है।
डोनाल्ड ट्रंप के चुनावी अभियान बतौर रिसर्चर में शामिल होने की बात अमरीश त्यागी पहले ही बता चुके है। अंबरीश ने कहा कि कैम्ब्रिज एनालिटिका ने उन्हें मीडिया से इस बारे में कोई बात करने से मना किया है।
लेकिन इस कंपनी के सूत्र ने कहा है कि कैम्ब्रिज एनालिटिका की भारत में कोई उपस्थिति नहीं है और ओबीआई उनके लिए कुछ ‘सोशल प्रोजेक्ट्स’ करता है। कैम्ब्रिज एनालिटिका केलिए ओबीआई कुछ जमीनी रिसर्च और तकनीक के बारे में बताता था और जब भी जरूरत होता इसे कैम्ब्रिज एनालिटिका को देता था। कांग्रेस ने इस मामले में अंबरीश का नाम लिया था। कांग्रेस ने इस मामले में एक और व्यक्ति हिमांशु शर्मा का नाम लिया है जो ओबीआई का पार्टनर है. हिमांशु पहले बी2बी अलायंसेज के डायेक्टर थे और हाल ही में अंबरीश त्यागी से जुड़े थे।
फ़र्स्टपोस्ट से बात करते हुए हिमांशु शर्मा ने कहा कि वो 2014 के दौरान बीजेपी द्वारा चलाए जा रहे कॉल सेंटरों को मैनेज करते थे लेकिन उन्होंने कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला द्वारा लगाए गए अन्य आरोपों से इनकार किया है। त्यागी और शर्मा दोनों ने डेटा लीक से किसी तरह का संबंध होने से इनकार किया है. वैसे ओबीआई और कैम्ब्रिज एनालिटिका के बीच किसी तरह का लिखित समझौता नहीं है लेकिन दोनों के बीच इस बात की सहमति थी कि वो एनालिटिका की भारत में कदम बढ़ाने में मदद करेगा। एससीएल-ओबीआई का सबसे अहम काम राजनीतिक पार्टियों का सोशल मीडिया कैंपेन करना है। ये कंपनी डाटा विश्लेषण कर पॉलिटिकल कैंपेन मैनेजमेंट के तहत कंपनी सोशल मीडिया के लिए रणनीति तैयार करती है।
कंपनी पार्टियों के लिए मार्केटिंग, ऑनलाइन दुनिया में इमेज बिल्डिंग और सोशल मीडिया में राजनीतिक पार्टियों को मजबूत करने का काम करती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां एससीएल ग्रुप से सेवाएं लेती रही हैं। 2014 में नरेंद्र मोदी के चुनाव अभियान में भी इस कंपनी के शामिल होने की बात कही जा रही है।
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