राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के छठे सम्मेलन का शनिवार को बिहार की राजधानी पटना में शुभारंभ हो गया। इस सम्मेलन में कई देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। पटना के ज्ञान भवन में सम्मेलन का उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने किया। इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित हैं।
राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मैं कभी दिखावे के लिए कोई काम नहीं करता। हमने महिलाओं की जागृति पर काम किया और बिहार में हमने पचास प्रतिशत महिलाओं को पंचायत चुनाव में आरक्षण दिया, साथ ही अर्बन लोकल बॉडी में भी आरक्षण दिया। तीन बार चुनाव हो चुका है और महिलाओं ने 50 प्रतिशत से ज्यादा जीत हासिल की है।
उन्होंने कहा कि गरीबी, अशिक्षा, लैंगिक समानता, सामाजिक न्याय, मुख्य बिंदु हैं और हमलोग बिहार में इसको ध्यान में रखकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता का विकेंद्रीकरण जरूरी है। हमने बिहार में विकास की पहल की है। अभी कुछ ही इलाके में विकास हुआ है, हर इलाके के लोगों को विकास का लाभ मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जीविका के मॉडल को हूबहू स्वीकार कर लिया। हमारा आठ लाख सेल्फ हेल्प ग्रुप है। इससे महिलाओं में जागृति आ रही है। बिहार के गांव में कम पढ़ी लिखी महिलाएं भी बैंक और बाकी चीजों के बारे में जान रही हैं। उनमें समाजिक तौर पर जागृति आ रही है।
इस बीच यहाँ चल रहे छठे कॉमनवेल्थ पार्लियामेंटरी समिट में 52 देशों के रिप्रेजेंटेटिव के सामने आरजेडी विधायकों ने हंगामा किया। विधायकों को शांत करने के लिए लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कोशिश की, लेकिन कोई उनकी बात सुनने को तैयार नहीं था। हंगामा डिप्टी सीएम सुशील मोदी के भाषण के दौरान हुआ। मोदी बता रहे थे कि भारत में करप्शन के खिलाफ एक्शन लिया जा रहा है। केंद्र की बीजेपी और राज्य सरकार इस मामले में मिलकर काम कर रही हैं। इसका नतीजा है कि भ्रष्टाचार के मामले में 4 पूर्व मुख्यमंत्री जेल में बंद हैं।
बता दे कि सुशील मोदी ने जैसे ही कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में सजा पाकर 5 पूर्व मुख्यमंत्री किसी न किसी जेल में बंद हैं, आरजेडी विधायकों ने हंगामा कर दिया। सभी विधायक नारे लगाने लगे।
हंगामे के बीच मोदी बोलते रहे, लेकिन आरजेडी नेताओं का गुस्सा शांत नहीं हुआ। स्पीकर सुमित्रा महाजन ने बीच भाषण में आरजेडी के विधायकों को शांत रहने को कहा। उन्होंने कहा, “यह बिहार विधानसभा नहीं है जो आप लोग हंगामा कर रहे हैं। आप लोगों को यहां अतिथि के रूप में बुलाया गया है। आप अतिथि की तरह पेश आएं।” हंगामे के बाद आरजेडी विधायकों ने सम्मेलन का बहिष्कार कर दिया।
मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इससे विधायिका की विश्वसनीयता मजबूत हुई है। हम सबका दायित्व बनता है कि अपने सार्वजनिक जीवन को जीतना हो सके पारदर्शी बनाएं।
गौरतलब है कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र पूर्व में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ एशिया क्षेत्र का भाग था लेकिन सात सितंबर 2004 से यह स्वतंत्र क्षेत्र बन गया। राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के भारत क्षेत्र में भारत संघ शाखा (भारत की संसद) और 31 राज्य, संघ राज्य क्षेत्र शाखाएं हैं। इस सम्मेलन का आयोजन दो साल में एक बार किया जाता है।
अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें।