बीजिंग: डोकलाम में एक बार फिर से चीनी सैनिकों की घुसपैठ को लेकर सीमा पर बर्फ जमती दिख रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चीनी सेना ने पूराने डोकलाम विवाद से 10 किमी दूर फिर से रोड़ कंस्ट्रक्शन का निर्माण शुरू कर दिया है। हालांकि, भारत के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि भूटान के डोकलाम में यथास्थिति बनी हुई है।
इस बीच इंडियन आर्मी भी चीन की इस हरकत का जवाब देने और 3,800 किमी लंबी सीमा पर तैनाती को और ज्यादा पुख्ता कर दिया। हालांकि, विशेषज्ञों मानना है कि चीनी सेना इस बार अगर डोकलाम में वापस आई है तो इसका मकसद सीमा पर तनाव पैदा करने से ज्यादा आतंरिक मसला ज्यादा दिखाई दे रहा है।
रक्षामंत्री आज सिक्किम और अरुणाचल के दौरे पर
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को दो दिन के लिए सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश जा रही हैं। वे चीन से लगती सीमाओं पर स्थिति की समीक्षा करेंगी। अामतौर पर इस मौसम में चीनी सैनिक चुम्बी घाटी क्षेत्र से हटना शुरू कर देते हैं। इस बार 500 से अधिक चीनी सैनिक क्षेत्र में डटे हैं। चीनी गतिविधियों को देखते हुए भारत ने भी सेना को इस क्षेत्र में हाई अलर्ट पर रखा है और क्षेत्र में हो रही गतिविधियों पर भारतीय सैनिकों की कड़ी नजर है। रक्षा मंत्री को वायु सेना के कुछ कार्यक्रमों में शामिल होंगी। वह क्षेत्र के सैन्य कमांडरों के साथ बात करेंगी और रक्षा तैयारियों का जायजा लेंगी।
डोकलाम में चीन की सेना मौजूद नहीं
चीन की गतिविधियों की रिपोर्टों के बीच भारत ने स्पष्ट किया है कि डोकलाम में भारत-चीन की सेना सीमा पर जहां आमने-सामने थी, वहां कोई नया डेवलपमेंट नहीं हुआ है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि डोकलाम क्षेत्र में 28 अगस्त के बाद की स्थिति बरकरार है। चीन की सेना की गतिविधियों को लेकर मिल रही रिपोर्ट सही नहीं हैं। इसमें कहा गया है कि भारत इस मामले में भूटान से लगातार संपर्क में है।
73 दिन दोनों सेनाएं थीं आमने-सामने
डोकलाम क्षेत्र में 16 जून से चीन और भारत की सेना आमने-सामने थी। 73 दिन के बाद 28 अगस्त को दोनों सेनाएं पीछे हटी। अब रिपोर्ट मिल रही है कि गतिरोध की जगह से कुछ किमी दूर चीन अपनी अधूरी सड़क को चौड़ा और लंबा कर रहा है। वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने गुरुवार को कहा था कि चुम्बी घाटी में चीनी सैनिक अभी भी तैनात हैं।