रायपुर: पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष धनेन्द्र साहू ने कांग्रेस भवन में कांग्रेस के कार्यक्रम में पथराव को लेकर कई सवाल खड़े किये है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने नोटबंदी के असफलताओं के एक साल पूरे होने पर देश भर में काला दिवस मनाने का निर्णय लिया था। लेकिन गुढिय़ारी में मंत्री समर्थको ने एंटी कालाधन दिवस मनाने के बजाये मंत्री के काले कारनामे को छुपाने कांग्रेस के कार्यक्रम में पथराव किया। श्री साहू ने कहा कि पुलिस प्रशासन ने पहाड़ी चौक की दुकानो को बलपूर्वक दबाव डाल कर क्यों बंद करवाया? क्या पुलिस भी कांग्रेस के नेताओं पर हो रहे प्राण घातक हमला में किसी साजिश के तहत शामिल थी?
क्या पुलिस को मुख्यमंत्री बंगले से भाजपाईयो को गुंडा-गर्दी करने देने की छुट मिली थी? क्या राज्य में सत्ताशीन भाजपा फिर अगली बार सरकार बनाने के लिये छलपूर्वक साजिश करके झीरम घाटी कांड-2 कराना चाहती है? भाजपा एंटी कालाधन दिवस मनाना चाह रही थी, लेकिन उनके कार्यकर्ता मुख्यमंत्रियों एवं मंत्रियो के भ्रष्टाचार के कारण पार्टी के आयोजन में शामिल नहीं हुये और विपक्षी दल के द्वारा आयोजित काला दिवस कार्यक्रम में मंत्रियो की पोल न खुले इस कारण जनता का ध्यान हटाने व्यवधान उत्पन्न किया।
पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुये पूर्वमंत्री एवं विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि पहाड़ी चौक में काला दिवस का कार्यक्रम शुरू होते ही भारतीय जनता पार्टी के नेता कार्यकर्ताओं ने हंगामा शुरू किया, चुडिय़ा फेंकी उस दौरान वहां मौजूद पुलिस के आला अधिकारी तमाशाबिन बने खड़े रहे, उसके बाद जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मंच में पहुंचे उन्हें काला झंडा दिखाया गया, कालिख फेकी गई, ईट-पत्थर बरसाये गये, इस दौरान करीब 4 घंटे तक एकता नगर जाने के मुख्य मार्ग को भाजपाईयों ने चक्का जाम कर अवरूद्ध उत्पन्न किया था, फिर भी पुलिस कार्यवाही करने के बजाये मौन खड़ी थी।